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नागपुर. शहर व जिले के भिवापुर, उमरेड, हिंगना, कुही, कामठी आदि भागों में हत्तीरोग के 4,882 मरीज मिले हैं. इनमें से 100 मरीजों के हाथ में हत्तीरोग के जंतु पाये गये. इन सभी मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा इलाज किया जा रहा है. सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया व हत्तीरोग विभाग द्वारा 17 अगस्त से 31 अगस्त तक शहर में हत्तीरोग दुरीकरण मुहिम चलाई जा रही है. शहरी भाग में 15 अंडकोष वृद्धि और हत्तीरोग के 985 सहित कुल 1,000 से अधिक मरीज हैं. ग्रामीण में अंडकोष वृद्धि के 745 तथा हत्तीरोग के 3,897 सहित कुल 4,642 मरीज हैं. 

जिले में सभी मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क औषधोपचार व अंडकोष वृद्धि के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है. प्राय: हत्तीरोग पैर में होता है लेकिन जिले में 100 से अधिक मरीजों के हाथ में जंतु पाये गये हैं. इससे हाथ में सूजन आ गई है. इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है. भिवापुर परिसर में इन मरीजों की संख्या अधिक पाई गई.

इस दौरान हत्तीरोग दुरीकरण मुहिम के अंतर्गत महानगर पालिका व सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहिम की शुरुआत की गई है. गुरुवार को मांढल में लेमदेव पाटिल महाविद्यालय में जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे द्वारा हत्तीरोग प्रतिबंधात्मक गोलियों के सेवन के साथ ही मुहिम का शुभारंभ किया गया. सिटी में मनपा के वैद्यकीय अधिकारियों ने शुभारंभ किया. नागरिकों से गोलियों का सेवन कर बीमारी से दूर रहने का आह्वान किया गया. 

क्या होता है हत्तीरोग

हत्तीरोग मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है. इसे हत्तीपैर के नाम से भी जाना जाता है. बीमारी में हाथ-पैर में सूजन के साथ ही अंडकोष वृद्धि होती है. किसी भी व्यक्ति में संक्रमण के बाद बीमारी सामने आने में 5 से 15 वर्ष का समय लग सकता है.