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    नागपुर. डीजल के दाम जब से बढ़े हैं तब से बसों में किराया बढ़ाने को लेकर कश्मकश जारी है. कुछ निजी बस संचालकों ने कई जगह का किराया बढ़ा दिया है तो कुछ बस ऑपरेटर अभी भी पुराने किराये पर यात्रियों को सफर करा रहे हैं. वहीं कुछ बस यात्रियों की कमी होने के डर से बढ़ा हुआ किराया चुनिंदा सवारियों से ही ले पा रहे हैं.

    राहत की बात यह है कि एसटी महामंडल ने अभी तक किसी भी जगह का कोई किराया नहीं बढ़ाया है. इस कारण ज्यादातर यात्री एसटी बसों से ही सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

    लेकिन जिन इलाकों में एसटी बसें नहीं जा रहीं वहां उन्हें मजबूरी में बढ़ा हुआ किराया ही देना पड़ रहा है. बता दें कि इस साल डीजल की कीमतों में कई बार इजाफा हुआ है जिसके कारण यात्री किराए के साथ ही माल भाड़े में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है.

    यात्रियों का कहना है कि बस संचालक सीट के पैसे पूरे ले ये तो नियम है लेकिन अगर बस में क्षमता से अधिक सवारियां लादी जा रही हैं तो वे बढ़ा हुआ किराया क्यों दें? इसे लेकर कई बार बस कंडक्टर और सवारियों के बीच विवाद भी हुए हैं. लेकिन फिलहाल सभी बस संचालक एक किराया तय नहीं कर पाए हैं.