Gutter water spreading on the road, matter in front of Nagpur railway station
File Photo

    Loading

    नागपुर. आमतौर पर फंड की कमी के कारण योजनाएं शुरू नहीं हो पाती हैं लेकिन यदि फंड मिलने के बाद भी योजना शुरू नहीं हो सके तो इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराएंगे? ऐसी ही समस्या से नागपुर स्टेशन आने वाले यात्री जूझ रहे हैं. हैरानी की बात है कि इस समस्या के समाधान को लेकर यात्री संगठनों से जुड़े लोग रेल राज्यमंत्री राव साहेब दानवे से भी गुहार लगा चुके हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

    नागपुर स्टेशन के पूर्वी गेट की तरफ स्थित प्लेटफॉर्म नंबर 8 को अन्य प्लेटफॉर्मों से जोड़ने के लिए 3 साल पहले करीब 9 करोड़ का फंड आवंटित किया गया था. इसके अलावा लिफ्ट और एस्केलेटर भी बनाया जाना था परंतु अभी तक यह काम शुरू भी नहीं हो पाया है जिससे नागरिकों में रोष उत्पन्न हो रहा है. नागरिकों का कहना है कि बैतूल, वर्धा, चंद्रपुर में लिफ्ट लगा दिए गए लेकिन नागपुर ‘ए’ ग्रेड का स्टेशन होते हुए भी उपेक्षा का शिकार है.

    दरअसल, पूर्वी नागपुर की तरफ ही कॉटन मार्केट, संतरा मार्केट सहित पुराना शहर बसा हुआ है. अधिकांश लोग इसी तरफ से प्लेटफॉर्म पर आते जाते हैं. प्लेटफॉर्म 8 को होम प्लेटफॉर्म भी कहा जाता है क्योंकि यहां तक सीधे कार से यात्रियों को पहुंचने की सुविधा है. इसी प्लेटफॉर्म से दूरंतो रवाना होती है. ऐसे में अधिकांश वीआईपी इस गेट का इस्तेमाल करते हैं. पूर्वी गेट से आने जाने वाले यात्रियों को सबसे बड़ी समस्या प्लेटफॉर्म 8 के अन्य प्लेटफॉर्मों से नहीं जुड़ा होने के कारण हो रहा है. इससे महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को परेशानी हो रही है. 

    पहले रामझूला से जोड़ने की थी योजना 

    पहले रेलवे के पूर्वी गेट को सीधे रामझूला से जोड़ने की योजना थी. जनप्रतिनिधियों की सलाह पर रेलवे ने इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया था परंतु बाद में तकनीकी खामी बताते हुए इसे रिजेक्ट कर दिया गया. रामझूला से जोड़ने पर जाम और दुर्घटना की आशंका जताई गई थी लेकिन रेलवे प्लेटफॉर्मों को जोड़ने वाले एफओबी का काम क्यों ठंडे बस्ते में डाले हुए है? यह समझ से परे है.  

    मेट्रो का स्टेशन भी बन रहा है

    रेलवे के पूर्वी गेट की तरफ महामेट्रो का स्टेशन भी बन रहा है. ऐसे में प्लेटफॉर्म 8 को जोड़ने वाले एफओबी से ही मेट्रो स्टेशन को भी जोड़ने की मांग की जा रही है ताकि मेट्रो से उतरने वाले यात्रियों को आसानी हो सके. जैसे-जैसे सिटी की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं. रेलवे से यात्रियों की अपेक्षाएं भी बढ़ती जा रही हैं. लिहाजा अब नये डिजाइन के साथ एफओबी बनाने की जरूरत है जो नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप हों.