Futala Fountain

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    नागपुर. सिटी में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जा रहे फुटाला फाउंटेन को अब लोगों के लिए खोलने के उद्देश्य से फरवरी में पीएम के हाथों लोकार्पण करने की प्रन्यास द्वारा योजना बनाई गई. अब लोकार्पण के पूर्व यह विवादों में घिरता जा रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फुटाला फाउंटेन और शो दिखाने के लिए निर्मित की गई दर्शक दीर्घा को लेकर हाई कोर्ट में स्वच्छ एसोसिएशन ने जनहित याचिका दायर की. यहां तक कि न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश वृषाली जोशी ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की अधि. एसए राजशिर्के और राज्य सरकार की अति. सरकारी वकील आनंद फुलझेले ने पैरवी की. 

    नहीं हो पाई मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई

    याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उनकी संस्था विशेष रूप से पर्यावरणीय मामलों से संबंधित विषयों पर काम करती है. फुटाला तालाब में लगे म्यूजिकल फाउंटेन और यहां निर्मित की गई दर्शक दीर्घा को अवैध करार देने के लिए मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी किंतु मुंबई हाई कोर्ट ने अदालतों के प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया गया. यही कारण है कि अब नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है. 

    नेशनल वेटलैंड में शामिल है फुटाला

    याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने सुनवाई के दौरान बताया कि नेशनल वेटलैंड इन्वेंटरी एंड असेसमेंट में फुटाला तालाब शामिल किया हुआ है. वेटलैंड के संदर्भ में 14 अक्टूबर 2013 को एक जनहित याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है जिसके अनुसार केंद्र सरकार की ओर से चिन्हांकित की गई वेटलैंड पर किसी तरह का निर्माण आदि नहीं किया जा सकता है. इन निर्देशों के अलावा 25 जुलाई 2016 को पुन: निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसके उपरांत सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष अनुमति याचिका 230/2001 में 4 अक्टूबर 2017 को ऐसे ही मामले में आदेश जारी किए हैं.

    8 मार्च 2022 को वन और पर्यावरण मंत्रालय ने वेटलैंड को संरक्षित करने की दिशा में निर्देश जारी किए हैं. 17 मई 2022 को इस संदर्भ में वेटलैंड संरक्षण प्राधिकरण को ज्ञापन दिया गया था. लेकिन इस पर संज्ञान नहीं लिया गया. इससे मजबूरन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.