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  • 189 ऑपरेटर्स की सेवाएं खत्म
  • 20 वर्षों से दे रहे थे सेवा

नागपुर. मनपा को पेपरलेस करने की दिशा में कदम उठाते हुए प्रत्येक विभागों में कम्प्यूटरीकृत प्रणाली लागू कर दी गई. हालांकि इन कम्प्यूटर्स को संचालित करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण तो दिया गया किंतु बाद में इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट पर कम्प्यूटर ऑपरेटर्स रखे गए. अब मनपा ने कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के लिए नया टेंडर जारी किया है जिससे लगभग 20 वर्षों से इस पद पर सेवा दे रहे 189 कर्मचारियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. मनपा प्रशासन द्वारा किसी तरह की राहत नहीं मिलने के बाद अंतत: ऑपरेटर्स ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने मौखिक रूप से ही सही लेकिन इनकी सेवाएं आगे भी जारी रखने के निर्देश मनपा आयुक्त को दिए हैं. 

नई एजेंसी के टेंडर को भी चुनौती

मनपा की ओर से नई एजेंसी के लिए टेंडर मंगाने का विज्ञापन जारी किया गया. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई कंपनी तय तो की गई किंतु इसे चुनौती देते हुए टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाली अन्य कंपनी ने हाई कोर्ट में चुनौती दे दी. हाई कोर्ट ने भले ही नई कंपनी को आवंटित टेंडर पर रोक न लगाई हो लेकिन इसे अदालत के फैसले के अधीन रहने के आदेश दिए. एक ओर जहां हाई कोर्ट में मामला है वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन ने नई कंपनी को कामकाज सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे अब सभी ऑपरेटर्स उप मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार आयुक्त की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, इसका इंतजार कर रहे हैं.

मनपा में मचा हंगामा

– सूत्रों के अनुसार 2 दिन पहले ही इन सभी ऑपरटेर्स की सेवाएं खत्म हुई हैं. अवकाश के बाद सोमवार को जैसे ही कुछ ऑपरेटर्स काम पर लौटे, उन्हें काम करने से रोक दिया गया. 

-इसकी खबर फैलते ही सभी विभागों के ऑपरेटर्स ने भी काम बंद कर दिया. साथ ही मनपा आयुक्त से चर्चा की. चर्चा के दौरान आयुक्त द्वारा ऑपरेटर्स को नई कंपनी के पास पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए. इन ऑपरेटर्स का मानना है कि पंजीयन कराने में कोई आपत्ति नहीं है किंतु वेतन का मसला अटका हुआ है. 

-पहले इन ऑपरेटर्स को न्यूनतन वेतन नियमों के अनुसार 20,666 रु. दिए जा रहे थे किंतु अब मनपा ने प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर केवल 15,500 रु. की देने की वकालत नये टेंडर में की है. महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन में बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर काम करना किसी के लिए संभव नहीं है. ऐसे में परिवार का पालन-पोषण कर पाना इन कर्मचारियों के लिए संभव नहीं हो सकेगा.