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नागपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, नागपुर बीडी कदम की कोर्ट ने लोहमार्ग पुलिस द्वारा जोधपुर एक्सप्रेस में पकड़े गये 47 किग्रा गांजा तस्करी मामले में आरोपियों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया. आरोपियों में ओडिशा निवासी संजय शाहू, गडा स्वाइन, नारायण शाहू के नाम शामिल थे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआरपी के पीएसआई विजय तायवाड़े और उनकी टीम ने 11 नवंबर 2021 को जोधपुर एक्सप्रेस में तलाशी के दौरान स्लीपर कोच 9 में सीट नंबर 17-18 के नीचे यह माल जब्त किया गया था. इसी सीट पर आरोपियों में शामिल संजय बैठा था. पूछताछ में उसने ट्रेन में सफर रहे अन्य साथियों के नाम बताये थे. हालांकि छापामार कार्रवाई के दौरान उसके बाकी 2 साथी फरार हो गये. संजय के बयान के आधार पर ही जीआरपी टीम ने बाकी आरोपियों को ओडिशा से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जांच के बाद चार्जशीट फाइल की गई.

संदेह का मिला लाभ

आरोपियों की ओर से एडवोकेट रमेश रावलानी और अतुल रावलानी ने कोर्ट के समक्ष दलील पेश की कि जीआरपी ने यह गिरफ्तारी संदेह के आधार पर की थी. उस कोच और बर्थ पर अन्य यात्री भी सफर कर रहे थे. ऐसे में यह जरूरी नहीं कि सीट के नीचे जिन 5 बैग में उक्त गांजा पकड़ा गया, वे बैग आरोपियों के ही हैं. वहीं जीआरपी यह सिद्ध नहीं कर सकी है कि आखिर बर्थ 17 पर कौन सफर कर रहा था. तीनों आरोपियों को षड्यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया. दूसरी ओर अभियोजन पक्ष मजबूत दलीलें देने में असफल रहा. पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए तीनों आरोपियों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया.