Tumane and Bawankule

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नागपुर. चुनाव आयोग ने जिले के 768 में से 365 ग्राम पंचायतों में चुनाव और 12 ग्राम पंचायतों में उपचुनाव की घोषणा की है. कुल 377 ग्रापं में 5 नवंबर को मतदान होंगे. कोंढाली, निलडोह व डिगडोह पर भले ही हाई कोर्ट का स्टे लगा हो लेकिन शेष ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे. ये चुनाव आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों का प्री-टेस्ट जैसा होगा. ये चुनाव रामटेक सांसद कृपाल तुमाने और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के लिए भारी चुनौती साबित होंगे. बीते सारे चुनावों को देखें तो कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है.

जिले की स्थानीय निकाय संस्थाओं में कांग्रेस का कब्जा है, कहें तो अतिश्योक्ति नहीं. जिला परिषद में भाजपा को सत्ता से हटाकर कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से कब्जा किया हुआ है. हालांकि ग्राम पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ा जाता है लेकिन सभी पार्टियां अपने गुट मैदान में उतारती हैं. इस बार तो तुमाने को शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के विरोध का भी सामना करना पड़ेगा. उनके सामने जिले भर में अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों में कब्जा जमाने की चुनौती होगी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले भी चाहेंगे कि उनके गृह जिले में भाजपा एकतरफा प्रदर्शन करे लेकिन इसका नियोजन चुनौती भरा होगा. 

भाजपा को मिले थे सिर्फ 3 उपसभापति

बीते वर्ष अक्टूबर महीने में हुए जिले के 13 पंचायत समितियों के सभापति व उपसभापति के चुनाव में भाजपा का एक भी उम्मीदवार सभापति नहीं बन पाया था. उसे सिर्फ 3 पंस में उपसभापति पद से संतोष करना पड़ा था. केवल रामटेक पंस में शिवसेना शिंदे गुट का एक सभापति बना था और शेष 12 पंचायत समितियों पर कांग्रेस-राकां ने एकतरफा कब्जा जमाया था. पूर्व मंत्री सुनील केदार, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मूलक के नेतृत्व में जिले की 9 पंचायत समितियों सावनेर, कलमेश्वर, पारशिवनी, मौदा, कामठी, उमरेड, भिवापुर, कूही, नागपुर ग्रामीण में कांग्रेस का कब्जा हो गया. वहीं पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के गढ़ काटोल व नरखेड में राकां ने कब्जा बरकरार रखा. पूर्व मंत्री रमेश बंग ने अपने गढ़ हिंगना में राकां का कब्जा कायम रखा. वहां 21 वर्षों से कोई चुनौती नहीं दे पाया. उल्लेखनीय यह रहा था कि भाजपा विधायक चंद्रशेखर बावनकुले के गढ़ कामठी में भी सेंध लगाते हुए कांग्रेस ने पंचायत समिति पर कब्जा जमा लिया. 

राकां के गढ़ में सर्वाधिक ग्रापं

5 नवंबर को होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में सर्वाधिक 126 ग्रापं राकां के गढ़ काटोल, नरखेड़, हिंगना के शामिल हैं. इन तीनों तहसीलों में क्रमश: 53, 29 व 41 ग्रापं में चुनाव होंगे और 3 में उपचुनाव होंगे. भाजपा के लिए राकां के गढ़ में सेंध लगाना चुनौती भरा होगा. सावनेर में 26, कलमेश्वर में 21, पारशिवनी में 17, मौदा में 31, कामठी में 11, उमरेड में 26, भिवापुर में 36, कुही में 22, नागपुर ग्रामीण में 24 और रामटेक की 28 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे.

चुनाव व आचार संहिता की घोषणा होते ही जिला परिषद में सत्ताधारी कांग्रेस व राकां के पदाधिकारी व सदस्य तैयारी में जुट गए हैं. सारे पदाधिकारी अपने-अपने सर्कल में आने वाले ग्रापं में जीत का परचम लहराने का प्रयास करेंगे तो भाजपा भी आगामी आम चुनावों के पूर्व किसी भी हालत में जिले में वापसी करना चाहेगी.

फिलहाल तो जिला परिषद में भी उसकी ताकत कमजोर है. पदवीधर चुनाव व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में भी कांग्रेस ने जिस तरह भाजपा को पराजित किया उससे कांग्रेसी खेमे के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है. भाजपा ने शहर के सुधाकर कोहले को जिले का अध्यक्ष बनाया है. चर्चा यह थी कि सिटी से ग्रामीण भाग में अध्यक्ष थोप दिये जाने से जिला संगठन में भारी नाराजगी है. अब कोहले ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी को कितनी सफलता दिला पाते हैं यह भी देखने वाली बात होगी.