HC का झटका, 6 माह में करें निपटारा, ब्रह्मोस मिसाइल इंजीनियर के हनी ट्रैप का मामला

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नागपुर. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को ब्रह्मोस मिसाइल संबंधी जानकारी लीक करने के मामले में एटीएस ने निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. वर्ष 2018 में गिरफ्तारी के बाद गत वर्ष ही उसकी जमानत की अर्जी ठुकराई गई थी. हालांकि बाद में दायर जमानत की अर्जी को स्वीकृत कर राहत भी प्रदान की गई किंतु जमानत ठुकराते समय हाई कोर्ट ने जिला न्यायालय को इस मामले का निपटारा 6 माह के भीतर करने के आदेश दिए थे.

अब समय बढ़ाकर देने का अनुरोध करते हुए जिला न्यायाधीश और अति. सत्र न्यायाधीश ने हाई कोर्ट को पत्र भेजा है जिस पर संज्ञान लेने के बाद न्यायाधीश उर्मिला जोशी-फालके ने अनुरोध को ठुकराते हुए 6 माह के भीतर मामले का निपटारा करने के आदेश जारी किए. राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील आईजे दामले ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि फेसबुक के माध्यम से ब्रह्मोस मिसाइल का इंजीनियर हनी ट्रैप में फंस गया था.

निपटारे के लिए लगेगा एक वर्ष

जिला न्यायाधीश और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा हाई कोर्ट को भेजे गए पत्र में बताया गया कि अब तक अभियोजन पक्ष के 11 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. इसके अलावा इंस्पेक्टर दिनेशकुमार शर्मा और हेड कांस्टेबल महेश सिंह को समन भेजा गया है. इनके बयान दर्ज करने के लिए मामले की सुनवाई रखी गई है. इसी अदालत के पास UAPA, NI act, ACB के मामलों की सुनवाई भी है. पुराने मामलों की काफी सुनवाई लंबित है जिससे इसके पूर्व हाई कोर्ट द्वारा दी गई समयावधि के भीतर इस मामले का निपटारा करना संभव नहीं है. अत: एक वर्ष का समय बढ़ाकर देने का अनुरोध हाई कोर्ट से किया गया. 

संतोषजनक कारण नहीं 

पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आदेश में कहा कि समय बढ़ाकर देने के लिए निचली अदालत ने जो कारण दिए हैं वे संतोषजनक नहीं हैं. केवल अन्य विशेष मामलों की सुनवाई का अदालत पर बोझ होने के कारण इसका निपटारा कर पाने की असमर्थता जताना स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अत: 6 माह के भीतर ही मामले का निपटारा करने के आदेश निचली अदालत को दिए. उल्लेखनीय है कि एटीएस ने चार्जशीट भी दायर की जिसमें बताया गया कि निशांत के लैपटॉप और हार्डडिस्क की गहन जांच की गई. लैपटॉप में खुफिया और प्रतिबंधित रिकॉर्ड पाया गया था. इस तरह की 19 फाइल्स निशांत के लैपटॉप में थीं. आश्चर्यजनक यह है कि उसने लैपटॉप में एक सॉफ्टवेयर डाल रखा था जिसके जरिए लैपटॉप से खुफिया और गंभीर विस्तृत जानकारी विदेशों में बैठे आतंकी संगठनों को मिल जाती थी. प्राथमिक स्तर पर पाया गया कि 4,47,734 कैच फाइल्स इस लैपटॉप और हार्डडिस्क से लीक हुई हैं.