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    नागपुर. विधानसभा में बुधवार को फिर एक बार टीईटी परीक्षा में घोटाला को लेकर विपक्ष की ओर से अब्दुल सत्तार को घेरने का प्रयास किया गया लेकिन सदन में उपस्थित उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सत्तार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि सत्तार की किसी भी बेटी को नौकरी नहीं दी गई है, जबकि इन्हीं के कार्यकाल में मंत्रालय स्तर पर शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी. फडणवीस की इस घोषणा से मामला शांत हुआ.

    उल्लेखनीय है कि गत कुछ दिनों से टीईटी परीक्षा में घोटाले के माध्यम से कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा अपने दोनों बच्चों को नौकरी पर लगाए जाने का आरोप लगाया जा रहा था. यहां तक कि इस संदर्भ में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के अंतर्गत मामला उठाया था.

    प्रश्न ठुकराया, विपक्ष ने किया हंगामा

    विधानसभा में विपक्ष नेता अजीत पवार ने गत सप्ताह टीईटी परीक्षा में घोटाला किए जाने तथा इसमें मंत्री द्वारा अपने परिजनों को लाभ पहुंचाए जाने पर एक प्रश्न उपस्थित किया गया था जिसे विस अध्यक्ष ने सुरक्षित रखा था. नियमों के अनुसार प्रश्न सुरक्षित किए जाने के बाद उसे दूसरे सप्ताह में उसी दिन सदन में लाना होता है लेकिन यह प्रश्न नहीं लाया गया.

    इस संदर्भ में निर्णय देते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा जो प्रश्न पूछा गया, वह नियम 35 (2)(1) और 70 (1) से (10) तक के प्रावधानों में बैठता नहीं है. अत: सदन में प्रश्न नहीं लिया जा सकता है. विधानसभा अध्यक्ष की इस कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सभा त्याग कर दिया.

    मंत्री पर आरोप लगाकर निकल जाना उचित नहीं

    विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि टीईटी घोटाला इसी महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में हुआ है. अब वही इस घोटाले को उठा रही है. इतिहास में संभवत: पहला विपक्ष है जो अपने ही कार्यकाल में हुआ घोटाला उठा रहा है. इसके अलावा केवल मंत्री पर आरोप कर सदन से निकल जाना उचित नहीं है.

    उन्होंने कहा कि अयोग्य एजेंसी को परीक्षा लेने के लिए नियुक्त किया गया था. आयुक्त द्वारा की गई जांच में  खुलासा होने के बाद अयोग्य कंपनी को बाहर कर दिया गया है. अयोग्य कंपनी को काम देने का निर्णय मंत्रालय स्तर पर किया गया था. अत: इसकी जांच कर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.