board exams
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    नागपुर. मुंबई में कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद सरकार ने अब 24 जनवरी से पहली से 12वीं तक स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. हालांकि स्कूल खोलने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को दिया गया. परिस्थिति को ध्यान में रखकर स्कूल खोले जाएंगे. जिले में जिस तरह से हर दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं, उससे नहीं लग रहा है कि अगले सोमवार से स्कूल खुल पाएंगे. इस हालत में स्कूलों के लिए 10वीं और 12वीं की प्री-बोर्ड अभ्यास परीक्षा आयोजित किये जाने को लेकर सवाल खड़ा हो गया है.

    वहीं दूसरी ओर 10वीं, 12वीं की प्रैक्टिस परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन लेने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. स्कूलों ने जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में अभ्यास परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई थी. जांच परीक्षा होने से छात्रों को मुख्य परीक्षा का आइडिया मिल जाता है. साथ ही टाइम मैनेजमेंट का नियोजन भी हो जाता है लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए लग रहा है कि जांच परीक्षा होना मुश्किल है. इससे छात्रों का नुकसान होना तय है. शिक्षकों के लिए बड़ा सवाल यह है कि अभ्यास परीक्षा कैसे आयोजित की जाए और छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए कैसे तैयार किया जाए. 

    14 फरवरी से प्रैक्टिकल परीक्षाएं 

    10वीं और 12वीं की लिखित परीक्षा का शेड्यूल कुछ महीने पहले घोषित किया गया था. अब बोर्ड ने प्रैक्टिकल परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है. इसके मुताबिक 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा 14 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च तक चलेगी. 10वीं की परीक्षा 25 फरवरी से 14 मार्च के बीच होगी. लिखित और व्यावहारिक परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा के साथ, छात्रों को परीक्षा की तैयारी और भी अधिक जोर से शुरू करनी पड़ेगी.

    लिखित परीक्षा ऑफलाइन

    माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की लिखित परीक्षा 4 मार्च से 30 मार्च तक होगी. साथ ही 10वीं की लिखित परीक्षा 15 मार्च से 4 अप्रैल तक होगी. परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार ऑफलाइन आयोजित की जाएगी. इसके लिए बोर्ड ने तैयारी भी शुरू कर दी है. 18 से 15 वर्ष के आयुवर्ग के छात्रों के टीकाकरण पर जोर दिया गया है ताकि वे लिखित परीक्षा दे सकें. स्कूल जाने वाले शत प्रतिशत विद्यार्थियों का टीकाकरण किया जाएगा. शिक्षकों सहित पालकों का कहना है कि सरकार समूचे राज्य के बारे में विचार नहीं कर रही है. विदर्भ में कोरोना पूरे पीक में है. डॉक्टरों के अनुसार माह के अंत तक यही स्थिति बनी रहेगी. इस हालत में सरकार को शेड्यूल में बदलाव करना चाहिए.