Vidarbha Rajya Andolan Samiti

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    नागपुर. मर्क द्वारा अचानक बिजली दर 65 पैसे से लेकर 2.35 रुपये प्रति यूनिट बढ़ा दिये जाने का विरोध शुरू हो गया है. विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल बढ़ाई गई दर वापस नहीं ली गई तो सड़क पर उतर कर तीव्र आंदोलन किया जाएगा. पूर्व विदर्भ अध्यक्ष अरुण केदार, महिला आघाड़ी अध्यक्ष रंजना मामर्डे और युवा आघाड़ी अध्यक्ष मुकेश मासुरकर ने कोर समिति की बैठक में कहा कि महावितरण द्वारा बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को दिया था जिसे उसने मंजूरी दे दी. पहले ही कोरोना काल से आर्थिक संकट में और महंगाई से त्रस्त हो चुकी जनता पर बिजली कंपनी द्वारा अन्याय किया जा रहा है. ईंधन समायोजन की दर बढ़ाकर नागरिकों की जेब पर डाका डालने का प्रबंध कर लिया गया है. 

    2.50 रुपये आती है लागत

    कोल थर्मल पावर में बिजली निर्माण में प्रति यूनिट 2.50 रुपये के लगभग ही लागत आती है लेकिन ग्राहकों को कई तरह के भार-चार्ज आदि लगाकर 10 रुपये से अधिक में बिजली दी जा रही है. पूरे देश में सबसे अधिक महंगी बिजली महाराष्ट्र में है. उस पर मर्क ने जून महीने से आगामी 5 महीने यानी अक्टूबर तक ईंधन समायोजन आकार वीज को बढ़ाकर जनता से अन्याय किया है. 100 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले ग्राहकों को भी प्रति यूनिट 65 पैसे अधिक देने होंगे. वहीं 101 से 300 यूनिट तक 1.45 रुपये, 301 से 500 यूनिट तक 2.05 रुपये और 5001 से अधिक यूनिट का उपयोग करने वाले ग्राहकों को प्रति यूनिट 2.35 रुपये अधिक देने होंगे. 

    विदर्भ का कोयला-पानी

    विदर्भवादियों ने आरोप लगाया कि मर्क द्वारा हमेशा महावितरण घाटे में चल रही है, यह तर्क देकर राज्य सरकार से बिजली दर में बढ़ोतरी की जाती रही है. 2020 को वनामति में आयोजित मर्क की सुनवाई में विदर्भ आंदोलन समिति ने आक्षेप लिया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. विदर्भ का कोयला, यहां के किसानों के हिस्से के पानी का उपयोग कर बिजली निर्मित की जाती है और यहीं के नागरिकों को सबसे महंगी बिजली दी जाती है. विदर्भ के लिए बिजली की दर कम करने की मांग समिति की ओर से लगातार की जा रही है. विरास के विष्णु आष्टीकर, गुलाबराव धांडे, अनिल तिडके, तात्यासाहब मते, सुयोग निलदावर, सुनीता येरणे, रेखा निमजे, सुधा पावडे, अरविंदजी भोंसले, भूषण राऊत अनिल बोबडे, प्रशांत मुले, राजेंद्र सतई, नरेश निमजे, वीणा भोयर, ज्योति खांडेकर ने चेतावनी दी कि अगर बिजली दर बढ़ोतरी को तत्काल वापस नहीं लिया गया तो सड़क पर उतर कर तीव्र आंदोलन किया जाएगा.