बढ़ाया गया फिटनेस जुर्माना रद्द, सफल रहा ऑटो चालकों का आंदोलन

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    नागपुर. 15 वर्ष पुराने ऑटो रिक्शा या तिपहिया वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट में देरी पर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लिए जाने वाले जुर्माने के आदेश को वापस ले लिया गया है. इससे ऑटोचालकों ने राहत की सांस ली है. इसके लिए ऑटो चालकों द्वारा ऑटोरिक्शा संगठन संयुक्त महासंघ के नेतृत्व में राज्यव्यापी आंदोलन किया गया था.

    महाराष्ट्र परिवहन विभाग के पोर्टल की गड़बड़ी के चलते इसमें पुराने के साथ नये ऑटो चालकों को भी लपेटे में ले लिया था. इसके लिए कई महीनों से आवाजें उठाई जा रही थीं. नागपुर जिला ऑटो चालक मालक महासंघ के शिष्टमंडल ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी से मुलाकात कर उनका आभार माना और 1 दिसंबर से लागू किये गये नये मोटर कानून के तहत बढ़ाई गई अनाप-शनाप राशि के आदेश को भी पीछे लिए जाने की मांग भी इस दौरान की. शिष्टमंडल में महासंघ के चरणदास वानखेड़े, मोहन बावणे, खोरेंद्र सोनिक, अरविंद पवार, संजय जिचकार, नारायण भांगे आदि उपस्थित थे.

    प्रयास से मिली सफलता

    विदर्भ ऑटो रिक्शा चालक फेडरेशन के अध्यक्ष विलास भालेकर ने कहा कि ऑटोचालकों द्वारा किये गये प्रयास को सफलता मिली है. इस अन्यायकारी नियम को लेकर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रविन्द्र भुयार के माध्यम से परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने को ज्ञापन सौंपा गया था. विभाग ने अपनी गलती को सुधारकर ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव किया. इसके चलते पूरे महाराष्ट्र के ऑटोचालकों को राहत मिली है. समय-समय पर आवाज उठाये जाने से ही यह संभव हो सका है.