CBSE RESULT
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  • अगले सत्र से 12वीं के 50 प्रश अंकों से CET की मेरिट सूची

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नागपुर. राज्य के इंजीनियरिंग, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीईटी ली जाती है. अब तक सीईटी में मिले अंकों के आधार पर ही मेरिट सूची बनाई जाती है. सीईटी में जिसका ज्यादा स्कोर होता वह मेरिट सूची में टॉप पर होता था लेकिन अगले सत्र से व्यवस्था में बदलाव होगा. मेरिट सूची सीईटी और 12वीं के 50-50 फीसदी अंकों के आधार बनेगी. इसका सीधा मतलब है कि 12वीं की परीक्षा को वेटेज मिलेगा. इससे क्लास रूम से गायब होने वाली छात्रों की भीड़ लौटेगी. साथ ही शिक्षकों की भी जिम्मेदारी बढ़ेगी. 

वर्तमान में 10वीं के बाद जूनियर कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति कम होने लगी है. साइंस के अधिकांश छात्र कोचिंग-ट्यूशन के भरोसे ही रहते हैं. उन्हें मालूम है कि सीईटी, जेईई, नीट के आधार पर ही इंजीनियरिंग, मेडिकल में प्रवेश मिलता है. जूनियर कॉलेजों ने भी कोचिंग-ट्यूशन के साथ टायअप कर रखा है. साइंस के छात्र कॉलेजों में केवल प्रैक्टिकल करने आते हैं. 

छात्र नहीं कर सकेंगे नजरअंदाज 

केवल नागपुर ही नहीं बल्कि अब समूचे राज्य में इसी तरह का ट्रेंड बन गया है. जूनियर कॉलेजों से पहले कोचिंग-ट्यूशन में क्लासेस शुरू हो जाती हैं, जबकि सरकार द्वारा अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों को नियमित वेतन दिया जाता है लेकिन जब छात्र ही नहीं होते तो फिर शिक्षक भी क्या करें? यह स्थिति बन गई है. उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने पिछले दिनों ही घोषणा की कि अगले सत्र से सीईटी की मेरिट सूची में 12वीं के अंकों को भी प्राथमिकता दी जाएगी. दोनों के 50-50 फीसदी अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाएगी. यानी अब जिन छात्रों को सीईटी के माध्यम से राज्य के इंजीनियरिंग, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना है, उन्हें कोचिंग-ट्यूशन के साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम को भी उतना ही महत्व देना होगा. इससे उम्मीद भी की जा रही है कि अब इस सत्र से जूनियर कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी. 

पिछले वर्षों से छात्रों में कोचिंग-ट्यूशन के प्रति आकर्षण अधिक ही बढ़ा है क्योंकि सीईटी में 12वीं परीक्षा के अंक नहीं जोड़े जाते थे लेकिन अब नई व्यवस्था से जूनियर कॉलेजों के प्रति छात्रों का आकर्षण बढ़ेगा. 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंक भी उतने ही जरूरी होंगे जितने सीईटी में. इसके साथ ही शिक्षकों को भी पूरी जिम्मेदारी से पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर ध्यान देना होगा.

-आशनारायण तिवारी, प्राचार्य, आदर्श विद्या मंदिर 

सीईटी में पूछे जाने वाले प्रश्न 11वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम पर ही आधारित होते हैं लेकिन छात्र कोचिंग-ट्यूशन को ज्यादा महत्व देते हैं. अब 50-50 का फार्मूला होने से 12वीं की परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करना आवश्यक हो जाएगा. सरकार को इस संबंध में पहले ही निर्णय लेना चाहिए था. इससे कोचिंग-ट्यूशन पर नियंत्रण में मदद मिल सकेगी. 

-प्रा.सपन नेहरोत्रा, विभागीय कार्यवाह, शिक्षक भारती