Sunil Kedar
सुनील केदार

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    नागपुर. जिला परिषद के नये अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होने वाला है. बीते साढ़े 10 वर्षों से जिप में महिला अध्यक्ष रही हैं. इस बार अध्यक्ष पद एसटी वर्ग से होगा. सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में ही अनेक सदस्यों की भावनाएं हैं कि अब पुरुष सदस्य को मौका मिलना चाहिए. वहीं एसटी वर्ग से एक सीनियर महिला सदस्य का नाम भी चर्चा  में है. जैसे ही अध्यक्ष पद का रोस्टर एसटी वर्ग के लिए आया तभी से सदस्यों में अध्यक्ष पद को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं लेकिन सारे कयासों पर पूर्व मंत्री सुनील केदार ने लगाम लगा दी है.

    जिला परिषद के बंगले पर केदार और जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मूलक ने सभी पार्टी सदस्यों की बैठक ली. चर्चा तो यह थी कि बैठक में अध्यक्ष का नाम फाइनल हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केदार ने सभी सदस्यों को पूर्व की तरह एकजुटता बनाए रखने के निर्देश दिये हैं.

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीते ढाई वर्ष जिले में अच्छा कार्य किया है और आगे भी वैसा ही कार्य करें. समय पर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नाम तय किये जाएंगे. सभी सदस्यों ने उनकी बात पर सहमति जताई. बैठक में जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे, उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे, सभापति तापेश्वर वैद्य, भारती पाटिल, नेमावली माटे, पूर्व उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे व सभी सदस्य उपस्थित थे.

    किसी ने नहीं रखी अपनी बात

    रोस्टर घोषित होने के बाद से जो पार्टी सदस्य दबी जुबान जिप अध्यक्ष पद पर दावा ठोकने की बात कहते फिर रहे थे उन्होंने भी बैठक में अपने नेता के सामने चुप्पी साधी रही. जानकारी के अनुसार केदार ने सभी सदस्यों से अपनी बात रखने के कहा था लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. जबकि सदस्यों को पार्टी की बैठक का बेसब्री से इंतजार था. पुरुष सदस्यों में देवानंद कोहले, हरीश उइके और प्रीतम कवरे का नाम अध्यक्ष पद के लिए चल रहा था. एसटी वर्ग में शांता कुमरे, मुक्ता कोकड्डे, पिंकी कोरोती का नाम चल रहा है. समझा जा रहा है कि इस बार भी महिला सदस्य को ही जिप प्रेसिडेंट बनने का अवसर मिल सकता है. जिप में केदार गुट का कब्जा है और वे ही तय करेंगे की कौन अगला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य सभापति होंगे.

    सभी के साथ हो न्याय

    खबर है कि बैठक में एक सीनियर सदस्य ने यह जरूर कहा कि पालक की तरह आप निर्णय लें और किसी के साथ अन्याय न हो. बताते चलें कि जिप में पूर्व मंत्री मूलक, नाना गावंडे गुट के भी सदस्य हैं लेकिन सारे पद केदार गुट को ही मिले थे. सीनियर सदस्यों में इसे लेकर नाराजगी भी कई बार आमसभा में नजर आई है. बैठक में सदस्य का कहना था कि बीते ढाई वर्ष में उनके साथ जो अन्याय हुआ वह न हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. इसी महीने के अंतिम सप्ताह में सभी समिति सभापतियों का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. पार्टी सदस्यों में सभापति बनने की भी होड़ लगी हुई है. समझा जा रहा था कि इस बार अध्यक्ष पद का ओपन वर्ग का आरक्षण निकलेगा लेकिन उनकी मंशाओं पर पानी फिर गया जो अध्यक्ष पद की रेस में बताए जा रहे थे. फिलहाल तो यह तय हो गया है कि पूर्व की तरह ही फाइनल डिसीजन केदार का रहने वाला है. 17 तारीख की सुबह ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नाम सामने आएंगे यह भी तय हो गया है.