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नागपुर: विधान परिषद ( Legislative Council) में महाराष्ट्र लोक आयुक्त विधेयक-2022 (Maharashtra Lokayukta Bill-2022) एकमत से पारित हो गया। राजस्व मंत्री विखे पाटिल ने यह बिल विधान परिषद में पेश किया और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सभी सदस्यों से इसे एकमत से मंजूर करने की अपील की। 

• विप सदस्य सचिन अहिर, भाई जगताप ने विधेयक का स्वागत किया, बताते चलें कि लोक आयुक्त बिल 2022 में विधानसभा में पारित हो गया था लेकिन विधान परिषद में लटका था। 

• अब यह विधान परिषद में भी एकमत से पारित हो गया है। फडणवीस ने कहा कि केन्द्र सरकार की तर्ज पर जो प्रावधान केन्द्र के लोकपाल कानून में है वही प्रावधान राज्य के लोकायुक्त कानून में है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की समिति ने जो ड्राफ्ट राज्य सरकार को सादर किया वही ड्राफ्ट सरकार ने उसी रूप में मान्य किया है। 

• यह कानून मुख्यमंत्री सहित सारे जनप्रतिनिधियों पर लागू होगा।  अगर इस कानून के तहत किसी ने झूठी शिकायत की तो उस पर भी

कार्रवाई की जाएगी, यह प्रावधान भी इस बिल में है। 

देश का पहला राज्य बना

लोकायुक्त विधेयक 2022 पारित किया जो मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाता है।  ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य है। 

विधेयक के मुख्य प्रावधान

विधेयक के प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले लोकायुक्त को विधानसभा की मंजूरी लेनी होगी।इस तरह के प्रस्ताव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो तिहाई सदस्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी।लोकायुक् का एक अध्यक्ष होगा जो किसी उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होगा। इसके अलावा इसमें सुप्रीम कोर्ट याबॉम्बे हाई कोर्ट का कोई जज होगा। लोकायुक्त में अधिकतम सदस्य होंगे जिनमें से 2 न्यायपालिका से होंगे।