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    नागपुर. नये साल में ही एसटी महामंडल के कंडेक्टरों को कोई राहत नहीं मिली है. वे जब यात्रियों को टिकट देते हैं उसी समय मशीन हैंग हो जाती है. इससे यात्रियों को टिकट देने में समय लगता है. कई बार मशीन को बंद कर दोबारा चालू करना पड़ता है. तब मुश्किल से काम चल पाता है. यह समस्या बीते एक साल से आ रही है लेकिन सुनवाई न होने से सब परेशान हैं. सूत्रों की मानें तो एसटी महामंडल बीते कई दिनों से ईटीआई मशीन खरीदी की बात तो कर रहा है जिसमें नागपुर के लिए 200 मशीनें खरीदने की बात कही जा रही है लेकिन अभी यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया है. हालांकि मशीन हैंग की समस्या को अधिकारी गंभीर नहीं मानते. वे इस समस्या को मेंटनेंस के माध्यम से सुलझाने की बात कह रहे हैं लेकिन इसके बाद भी समस्या जस की तस है. वहीं कंडक्टरों का कहना है कि अधिकारी मौके पर टिकट नहीं काटते हैं. सवारियों को टिकट उन्हें देना होता है, इसलिए समस्या का अंदाजा उन्हें ज्यादा है.

    मामले में अधिकारी मौन 

    बस कंडेक्टरों का कहना है कि जब भी किसी समस्या को लेकर अधिकारियों को शिकायत की जाती है तो उन्हें गंभीरता से न लेकर सिर्फ मौन धारण कर लिया जाता है. हालांकि इस मामले में लोकल के अधिकारियों का वे कोई दोष नहीं मानते. यह भेदभाव मुंबई हेडक्वार्टर से किया जाता है. वे अपने चहेते डिपो में तो मशीनें उपलब्ध करा देते हैं, नागपुर सहित कई डिपो ऐसे हैं जिनमें मशीन नहीं पहुंची है. इससे कई जगह टिकट मैनुअल देना पड़ता है. 

    पूरे साल रही थी दिक्कत 

    बीते साल ईटीआई मशीनों की बैटरियों में दिक्कत आई थी. कंडक्टरों के अनुसार मशीन को फुल चार्ज करने के बाद भी वह मुश्किल से एक-दो घंटे ही चल पाती थी. इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने मशीनों की बैटरी बदलकर काम चलाने का प्रयास किया. इसके बाद एसटी महामंडल ने कुछ मशीनों की बैटरी भी बदलीं लेकिन ज्यादा लाभ नहीं हुआ. अब मशीन हैंग होने से टिकट फंस जाती है जिससे यात्रियों को समय पर टिकट वितरण नहीं हो पा रहा है.