water supply
प्रतिकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. इन दिनों कड़ी धूप और भीषण गर्मी ने शहरवासियों को हलाकान कर दिया है. ऐसे में यदि पीने का पानी भी नसीब न हो तो हर दिन नर्क सरीखा लगने लगता है. सिटी के कई इलाके पीने के पानी की कमी के चलते ऐसे ही नर्क वाली स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. कई जगहों पर पाइप लाइन बिछी है तो पानी नहीं है और जहां पानी दिया जा रहा है वह अपर्याप्त साबित हो रहा है. ऐसे क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

    2 से 3 दिन के बाद मिल रहा पानी

    ऐसा नहीं है कि इन इलाकों में पीने का पानी नहीं दिया जा रहा है. हर 2 से 3 दिन में यहां या तो नल से वाटर सप्लाई की जा रही है या फिर टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है. हालांकि क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार हो रही वाटर सप्लाई नाकाफी है. कई परिवारों के पास 1 दिन के लिए भी पर्याप्त पीने का पानी जमा नहीं हो पा रहा. ऐसे में उन्हें दूसरे क्षेत्र के नलों और अन्य जगहों से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है. इनमें अधिकांश वे इलाके हैं जो शहरी सीमा से लगे हुए हैं और नये लेआउट हैं या नई बस्तियां हैं. 

    24 बाय 7 स्कीम को लगा पलीता

    सिटी के अधिकांश भागों में वाटर सप्लाई की कमी कोई नया मुद्दा नहीं है. कई इलाके जहां दमदार जनप्रतिनिधि रहते हैं, वहां दिन में कई घंटों तक नलों में पानी आता रहता है और जहां ऐसा नहीं है, वहां हर दिन नल आये भी तो सीमित समय में वाटर सप्लाई बंद हो जाती है. ऐसी परेशानियों में शहरवासियों के बीच लंबे समय से 24 बाय 7 वाटर सप्लाई परियोजना शब्द घूमता रहा है. हालांकि वर्षों बीतने के बाद भी परियोजना पूरी नहीं हो सकी. दूसरी तरफ शहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में जिस गति से परियोजना पूरी होनी थी वैसा नहीं हो सका. कुल मिलाकर 24 बाय 7 वाटर सप्लाई परियोजना पर ही पलीता लग गया है.

    चुनाव करवा दो, समस्या हल हो जायेगी

    भले ही इन इलाकों में रहने वाले लोग पीने की पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं, कई इलाकों में वर्षों से पाइप लाइन बिछा दी गई है लेकिन इन्हें चार्ज नहीं किया गया. इसलिए नलों में पीने का पानी सप्लाई नहीं किया जा रहा. वहीं हर बार की तुलना में इस बार वाटर टैंकरों की संख्या भी काफी कम नजर है. ऐसे भी लोग हैं जो अपने जनप्रतिनिधियों पर तंज कसने से पीछे नहीं हट रहे. उनका कहना है कि कुछ महीनों पहले महानगर पालिका चुनावों की सुगबुगाहट ने ही सड़क समेत अन्य काम जैसे-तैसे करवा दिये लेकिन तब गर्मी शुरू नहीं हुई थी. लोगों का कहना है कि प्रशासन अभी चुनाव करवा दे तो वोटरों को लुभाने की कोशिश में नई पाइप लाइनों में पानी बहना शुरू हो सके और जहां ऐसा नहीं है वहां पानी के टैंकर भी पहुंचने लग जायें.