मेडिकल: रात में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों के लिए सुविधा, मेडिसिन इमरजेंसी कॉरिडोर से तत्काल इलाज

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    नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में गंभीर मरीजों के तत्काल इलाज के लिए आपातकालीन विभाग और कैजुअल्टी तैयार की गई. अब इन दोनों विभागों को जोड़ने के लिए मेडिसिन  इमरजेंसी कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है. मेडिकल में औषध वैद्यकशास्त्र विभाग का आपाताकलीन विभाग है जबकि सर्जरी विभाग के लिए स्वतंत्र कैजुअल्टी बनाई गई है.

    वहीं ट्रॉमा सेंटर भी कार्यरत है लेकिन रात के वक्त कैजुअल्टी में डॉक्टरों की कमी रहती है. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सर्जरी और मेडिसिन इन दोनों विभागों की कैजुअल्टी का एक अलग इमरजेंसी कॉरिडोर यानी मेडिसिन इमरजेंसी विभाग तैयार किया जा रहा है. ताकि रात के वक्त आने वाले मरीजों को इमरजेंसी सेवा मिल सकें. यहां मुख्य वैद्यकीय अधिकारी के साथ ही वैद्यकीय अधिकारी सेवा देंगे. जिन मरीजों की हालत गंभीर होगी, उन्हें रेड जोन और खतरे से बाहर होने वाले मरीजों को ग्रीन जोन में रखा जाएगा. दोनों जोन अलग-अलग होंगे.

    NMC की गाइडलाइन के तहत तैनाती 

    मेडिकल में तैयार होने वाली इमरजेंसी मेडिसीन कॉरिडोर में नियम के अनुसार प्राध्यापक, सहयोगी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक को इंचार्ज बनाया जाएगा. इस बारे में राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग की गाइडलाइन्स भी है. रात की ड्यूटी में वरिष्ठ निवासी डॉक्टर, निवासी डॉक्टरों को तैनात किया जाएगा. वहीं गंभीर मरीजों को सीधे मेडिसिन  इमरजेंसी विभाग में भर्ती किया जाएगा. अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने बताया कि जल्द ही विभाग तैयार किया जा रहा है. इसके बाद रात में होने वाली परेशानी की दूर करने में मदद मिल सकेगी. 

    मेडिकल में मेडिसिन  इमरजेंसी कॉरिडोर यानी इमरजेंसी विभाग तैयार होने के बाद मरीजों को तत्काल उपचार मिल सकेगा. मरीजों की स्थिति को देखकर ग्रीन और रेड दो जोन होंगे. इसका उद्देश्य मरीज को उसकी जरूरत के अनुसार उपचार मिल सके. जिन मरीजों की स्थिति गंभीर नहीं होगी उन्हें कुछ देर बाद भी देखा जा सकेगा. वहां मौजूद डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखकर निर्णय लेंगे. 

    – डॉ. राज गजभिये, अधिष्ठाता, मेडिकल.