Tihar Jail
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महाराष्ट्र/नागपुर: जब भी कुछ हड़ताल या फिर आंदोलन, मोर्चे होते है तो इसका प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष असर वहां की आम जनता पर होता है। कुछ ऐसा ही नागपुर में हुआ है, जो काफी दिल दहला देने वाला है। आइए जानते है क्या है यह पूरी खबर जो आपके आंखों में भी आंसू ला देगी।

हड़ताल के दौरान हुई 109 लोगों की मौत 

गौरतलब हो कि पिछले सप्ताह पुरानी पेंशन को लेकर सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। आखिरकार छह दिनों के बाद, कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली। लेकिन आपको बता दें कि इस हड़ताल के दौरान नागपुर में स्वास्थ्य सेवा को काफी नुकसान हुआ। जी हां आपको बता दें कि इन छह दिनों में मेडिकल में 82 और मेयो में 27 मरीजों की मौत हुई है।  दरअसल मेयो मेडिकल में 1,300 नर्स और लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।

कम हुई रोगियों की संख्या 

मिली जानकारी के मुताबिक, चिकित्सा और मेयो बाह्य रोगियों की संख्या में भारी कमी आई है। इसके अलावा प्रसव कराने आई महिलाओं को भी निजी अस्पतालों में जाना पड़ता था। कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण मरीजों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही थीं। इसी दौरान कॉन्ट्रैक्ट पर नर्सों को बुलाया गया। एमबीबीएस डॉक्टरों ने नर्सों का काम किया और मरीजों की देखभाल की।

इस दौरान मरे सबसे ज्यादा रुग्ण 

दिल दहला देने वाले खबर यह है कि इस हड़ताल के दौरान 82 मरीजों की मेडिकल में मौत हो गई। तो 12 महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया। मेयो में 27 मरीजों की मौत हुई है। तो 10 महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया। मेडिकल में सबसे ज्यादा 23 मरीजों की मौत 17 मार्च को और मेयो में 19 मार्च को 11 मरीजों की मौत हुई है। 

आज से काम पर लौटे नर्स, डॉक्टर्स 

मेयो और मेडिकल में मरीजों की देखभाल पर असर के कारण रेजिडेंट डॉक्टर्स के मॉर्ड एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर हड़ताल वापस लेने के लिए कहा गया था। विभिन्न यूनियनों ने सूचित किया है कि हड़ताल पर गए कर्मचारी मंगलवार से काम पर लौट आएंगे। फिलहाल हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर नहीं रहने वालों के वेतन से कटौती की मांग की जा रही है।