नागपुर. आरक्षण के मुद्दे को लेकर मराठा समाज का आंदोलन जारी है. राज्य में साढ़े 3 करोड़ मराठों की उग्र भावनाओं का प्रतिबिंब मराठा आरक्षण आंदोलन में रूपांतरित होने लगा है. इसकी झलक सिटी में भी दिखाई दे रही है. गांधी गेट महल में शृंखला अनशन प्रारंभ हो गया. आंदोलन में अब तमाम कामगार एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में सहमति के साथ सहभागिता प्रदान कर रहे हैं. बुधवार को गांधी गेट के सामने सकल मराठा समाज के शृंखला अनशन के दौरान विभिन्न कामगार संगठन तथा श्रमिक नेताओं ने अपना समर्थन मराठा आरक्षण आंदोलन को प्रदान किया. सुबह करीब 11 बजे प्रतिनिधियों ने मुंडन आंदोलन का प्रदर्शन किया.
इस दौरान अपने संबोधन में कामगार नेता राजेश निंबालकर ने बताया कि राज्य के सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय, उत्पादक क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, असंगठित कामगार क्षेत्र से कर्मचारी इस आंदोलन को भारी मात्रा में अपना समर्थन प्रदान कर रहे हैं. यह श्रम शक्ति की ताकत मराठा आंदोलन की ज्वाला को और भी प्रखर रूप देगी.
अनारक्षित भावना से ग्रसित, अन्याय और रोजाना मराठा नौजवानों की तकलीफों से आहत कर्मचारी अब वेतन वृद्धि नहीं बल्कि आरक्षण की मांग को लेकर अपने भीतर व्याप्त रोष का प्रदर्शन करेंगे जिसे हर जाति-धर्म के कर्मचारी समर्थन देंगे. इस दौरान दीपक तभाने, सिद्धार्थ उके, चंद्रकांत वासनिक, नत्थू कोम्बाड़े, सूर्यभान सहारे, जीवन रामटेके, प्रभाकर लोखंडे, प्रवीण मानवटकर, दिलीप मून, पूनमचंद मानवटकर, सुधाकर माने, उत्तम मधुमटके, विनोद पटोले, गिरीश दादिलवार, शंकरराव चुरागले, ईश्वरभाई मेश्राम, रंजन नालोडे आदि कामगार नेताओं ने अपनी उपस्थिति देते हुए समर्थन दिया.
इन कामगार संगठनों ने दिया समर्थन
१) अखिल भारतीय अनुसूचित जाती जमाती परिसंघ
२) माथाडी कामगार संघ
3) महानगरपालिका कर्मचारी संघ
४) टीबी आरोग्य कर्मचारी संघ
५) नागपुर जिला इंटक
६) जीवन बीमा कर्मचारी फेडरेशन (इंटक)
७) ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन
८) बारा बलूतेदार कामगार संघ
९) महाराष्ट्र होटल एंड फूड