Nagpur High Court
File Photo

    Loading

    नागपुर. नागपुर से मलकापुर तथा वर्धा से सिंदखेडराजा राष्ट्रीय महामार्ग की दुर्दशा को लेकर अधि. अरूण पाटिल की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. इस पर बुधवार को सुनवाई के दौरान गत आदेशानुसार राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के अधिकारी की ओर से हलफनामा दायर किया गया. जिस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने कहा कि जिस अधिकारी ने हलफनामा दायर किया, वह कंफ्यूज लगता है.

    जिन राष्ट्रीय महामार्ग के संदर्भ में जानकारी मांगी गई थी उसे छोड़ अन्य राष्ट्रीय महामार्ग की जानकारी हलफनामा में दी गई. अत: आदेशों के अनुसार 2 सप्ताह के भीतर उचित हलफनामा दायर करने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. फिरदौस मिर्जा और एनएचएआई की ओर से अधि. अनिश कठाने ने पैरवी की. 

    अमरावती से नागपुर महामार्ग की दें जानकारी

    अदालत ने आदेश में कहा कि हलफनामा अमरावती से कुरनखेड़, कुरनखेड़ से शेलाड़, शेलाड़ से नांदुरा और नांदुरा से चिखली की जानकारी दी गई है. नांदुरा छोड़ सभी अन्य महामार्ग याचिका से असंगत है. अत: अमरावती से मलकापुर और अमरावती से नागपुर महामार्ग तक की स्थिति को लेकर हलफनामा दिया जाए. अधि. फिरदौस मिर्जा ने कहा कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने इस मार्ग का कायाकल्प तो नहीं किया अलबत्ता अब नागपुर-अमरावती महामार्ग की भी दुर्दशा उजागर हो रही है. महामार्ग से गुजरनेवाले प्रत्येक वाहन से जमकर टोल तो वसूला जा रहा है लेकिन सड़क की दुरूस्ती नहीं हो रही है. फलस्वरूप जहां-तहां गड्ढे पड़े हुए हैं. 

    कानून का उल्लंघन कर लगा दिया स्पीड ब्रेकर

    अदालत ने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय महामार्ग कानून का उल्लंघन कर इन महामार्गों पर कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर लगा दिए हैं जबकि सड़क के बीच में कई हिस्से में पेड़ पौधे ही नहीं है. रखरखाव की अनदेखी के चलते डिवाइडर के बीच लगाए गए पेड़ पौधे पूरी तरह खराब हो चुके हैं. कई स्थानों पर साइन बोर्ड नहीं है. यहां तक कि पेंट भी उखड़ जाने से वाहन चालकों को सूचना ही नहीं मिलती है.

    नियमित रूप से मार्ग के रखरखाव का अभाव दिखाई दे रहा है. साथ ही सड़क दुरुस्ती को भी नजरअंदाज किया हुआ है. इस संदर्भ में स्पीड ब्रेकर उखाड़ने, खामियों को पूरा कर सड़क की स्थिति को सुधारने तथा ठेकेदार कम्पनी के खिलाफ जुर्माना ठोंकने जैसी कार्रवाई को लेकर क्या किया जा रहा है?. इसकी जानकारी भी हलफनामा में देने के आदेश दिए. 

    महामार्ग पर है 1976 गड्ढे

    • गत सुनवाई के दौरान अधि. मिर्जा ने अदालत को बताया कि एनएचएआई और महामार्ग के निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहे पीडब्ल्यूडी विभाग के राष्ट्रीय महामार्ग विभाग की ओर से भले ही निर्माण को सुनिश्चित किया जा रहा हो लेकिन वर्तमान में महामार्ग का कुछ हिस्सा चलने लायक नहीं है. 
    • वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए इसे चलने लायक बनाना अनिवार्य है. अदालत को मानना था कि रिपोर्ट में भी इस महामार्ग पर 1976 गड्ढे होने का खुलासा किया गया है. 
    • इसकी भयावहता देखते हुए सर्वप्रथम इन गड्ढों को समान कर चलने लायक करना जरूरी है. सुनवाई के बाद एनएचएआई के वकील की ओर से इस संदर्भ में अगली सुनवाई के दौरान खुलासा करने का आश्वासन दिया गया.