Land Mafia
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    नागपुर. पूर्व नागपुर में भूखंड माफिया ने एनआईटी की जमीन ही प्लॉट काटकर बेच डाली. इसके अलावा कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें इन माफियाओं ने रोड की जमीन को हथियाने के साथ ही लोगों की जमीन तक हड़प कर बेचने का प्रयास किया लेकिन मामला पुलिस आयुक्त के पास पहुंचने के बाद उन्हें अपनी हरकत पर लगाम लगानी पड़ी. मौजा-वाठोड़ा में खसरा नं. 157 एनआईटी की सवा 2 एकड़ जमीन प्लॉट काटकर बेच डाली और रजिस्ट्री तक हो गई. जब एनआईटी के ध्यान में आया तो तत्काल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई. जमीन बेचने वाले भू-माफिया के खिलाफ चार सौ बीसी का मामला दर्ज किया गया लेकिन अभी भी वह खुला घूम रहा है.

    बताया जा रहा है कि उसे राजनीतिक व संबंधित पुलिस थाने के कुछ पुलिस वालों का संरक्षण प्राप्त है. एनआईटी ने अपनी जमीन अपने कब्जे में ले ली है और वहां अब बड़ा दवाखाना निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है. वाठोडा, पारडी व कलमना थाना क्षेत्र में भू-माफिया लोगों के खेत, प्लॉट पर कब्जा कर उलटे मालिक को ही धमकाते हैं. उनकी जमीन को कम कीमत पर बेचने का दबाव बनाते हैं. ये माफिया पूर्व नागपुर के तरोडी, बिडगांव, वाठोडा, भांडेवाड़ी, पारडी, पुनापुर, भरतवाड़ा, चिखली (देव.) इन आउटर भागों में सक्रिय हैं. इन भागों में जिन नागरिकों की खेती या प्लॉट हैं उसे हड़पने का प्रयास करते हैं.

    13 एकड़ कब्जाने की साजिश

    तरोडी में पटेल परिवार की 13 एकड़ जमीन को एक स्वयंभू बाहुबली ने दादागिरी से हथियाने का प्रयास किया था. कुछ बड़े नेताओं की धौंस जमाकर उसने पटेल की जमीन लगभग हथिया ही ली थी. थाने में शिकायत भी हुई लेकिन थाने से सहयोग नहीं मिलने पर मामला डीसीपी जोन-4 के पास पहुंचा. 14 फरवरी को उस भू-माफिया को पुलिस ने उठाकर समझाइश दी तब उसने माफी मांगी और परेशान नहीं करने का लिखित पत्र दिया. इसी तरह का मामला आभा कॉलोनी में सामने आया था.

    भूखंड माफिया के माध्यम से कॉलोनी का रास्ता ही बेच दिया गया. रोड निर्माण का काम शुरू हुआ तब नागरिकों व वहां के नगरसेवक ने दखल ली और मामला पुलिस आयुक्त के पास पहुंचा. उस वसूलीबाज माफिया ने तब जाकर अपना कब्जा छोड़ा. उस दौरान क्षेत्र के विधायक कृष्णा खोपड़े ने ऐसे भू-माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग सीपी से की थी.

    स्मार्ट सिटी के नाम पर गोरखधंधा

    कुछ भू-माफियाओं ने प्लॉट बेच डाले हैं और पूरे पैसे लेकर भी खरीददार को रजिस्ट्री कर नहीं दे रहे हैं. लेआउट का कुछ भाग स्मार्ट सिटी में जाना बताकर, जब तक मुआवजा नहीं मिलता एक भी प्लॉट नहीं देंगे, कह रहे हैं. कुछ राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों का भी इन लोगों में समावेश है. जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने स्मार्ट सिटी का बोगस नक्शा बनाकर उसमें हरी-पीली लाइन दर्शाकर इलाके के जमीनधारकों को मूर्ख बनाकर कम भाव में जमीन खरीदने का धंधा शुरू किया है. भरतवाड़ा-पुनापुर इलाके में यह बड़े पैमाने पर हो रहा है. नागरिकों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने और किसी तरह की परेशानी होने पर पुलिस आयुक्त से शिकायत की अपील की गई है.