The movement of zip and puns by-election intensified, all party leaders increased public relations

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    • 132 आपत्तियां हुईं दर्ज
    • 05 दिन पहले पूरी हो रही प्रक्रिया

    नागपुर. मनपा चुनावों को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. एक ओर जहां राजनीतिक दल चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं, वहीं दूसरी ओर चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने भी प्रक्रिया तेज कर दी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले आपत्ति और सुझावों पर 26 फरवरी को सुनवाई होने की जानकारी उजागर की गई थी. जबकि अब 5 दिन पहले ही 21 फरवरी को सुनवाई होने जा रही है. सामान्य तौर पर राजनीतिक लोगों का मानना था कि भले ही 5 मार्च को कार्यकाल समाप्त हो रहा हो लेकिन राज्य के बजट, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आदि देखते हुए चुनाव आगे बढ़ सकता है. किंतु चुनाव आयोग की ओर से चुनाव आगे बढ़ाने के बदले जल्द से जल्द कराने के संकेत दिए जा रहे हैं. राज्य चनाव आयोग की ओर से जारी नए निर्देशों के अनुसार सोमवार की दोपहर 12 बजे से जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के बचत भवन में आपत्ति और सुझावों पर सुनवाई होगी. 

    दिनभर सुनवाई चलने के आसार

    जानकारों के अनुसार भले ही आपत्ति और सुझावों पर 12 बजे से सुनवाई शुरू होने जा रही हो लेकिन आपत्ति दर्ज कराने वाले लोगों को अलग-अलग समय दिया गया है. जिसके अनुसार दिनभर सुनवाई जारी रहने के आसार है. सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग की ओर से वन विभाग के प्रधान सचिव बी. वेणूगोपाल रेड्डी की नियुक्ति की गई है. इनके अलावा भी राज्य चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे. साथ ही विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त भी सुनवाई में उपस्थित रहेंगे. सूत्रों के अनुसार प्रभाग रचना को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से आपत्तियां दर्ज नहीं की गई हैं. जबकि राजनीतिक दलों के इच्छुक प्रत्याशियों की ओर से उनके प्रभागों की रचना को लेकर आपत्तियां दर्ज की गई हैं. प्रमुख पदाधिकारियों के रूप में स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर तथा पूर्व स्थायी समिति सभापति विरेन्द्र कुकरेजा सहित अन्य लोगों ने अपने प्रभागों को लेकर आपत्ति दर्ज की है. 

    मार्च में ही लग सकती है आचार संहिता

    -जानकारों के अनुसार 2 मार्च को प्रभाग रचना का अंतिम प्रारूप घोषित किया जाना था. किंतु अब चूंकि 5 दिन पहले ही आपत्तियों पर सुनवाई हो रही है. अत: इसी सप्ताह अंतिम प्रारूप घोषित होने की संभावना है. 

    -वास्तविक रूप में चुनावी प्रचार शुरू करने से पहले लंबी प्रक्रिया पूरी करनी होती है. जिसमें प्रत्याशियों को नामांकन पत्र भरने से लेकर प्रत्याशियों की अंतिम सूची घोषित होने तक का लंबा समय होता है. 

    -इसे देखते हुए 15 मार्च के आसपास आचार संहिता लगने की उम्मीद की जा रही है. इसके 1-2 दिन पहले आरक्षण की लाटरी निकाली जाएगी. जिसके बाद चुनाव की तारीख का ऐलान कर आचार संहिता लागू कर दी जाएगी. 

    -साथ ही नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है. 15 मार्च को यदि आचार संहिता लागू होती है तो 15 अप्रैल तक ही चुनाव हो सकेंगे. जिसमें प्रचार के लिए केवल 10 दिन का समय मिलने की आशंका जताई जा रही है.