Nagpur Airport

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    • इंदौर से शुरू, नागपुर से क्यों नहीं
    • 32 फ्लाइट का डिपार्चर कोरोना के पूर्व
    • 22 रह गई हैं वर्तमान में 
    • 10 फ्लाइट रोजाना हुई कम
    • किराये में हो रहा इजाफा

    नागपुर. इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लावारिस बना दिया गया है. कोरोना के बाद मध्य प्रदेश से एक के बाद एक फ्लाइट शुरू हो रही है लेकिन नागपुर से फ्लाइट शुरू करने के नाम पर एयरलाइंस कंपनियां न नुकूर ही कर रही हैं. इंदौर से 1 सितंबर से एयर इंडिया की दुबई फ्लाइट शुरू हो गई है और 1 नवंबर से शारजाह के लिए फ्लाइट शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है लेकिन नागपुर में दूर-दूर तक फ्लाइट शुरू होने की संभावनाएं नजर नहीं आ रही है.

    इसका मुख्य कारण यह भी है कि राजनेताओं में सुविधाओं को लेकर कोई इच्छाशक्ति ही नहीं है. नागपुर से शारजाह के बीच एयर अरेबिया की फ्लाइट सेवा बहाल थी. कोरोना काल में इसे बंद दिया गया. देश के कई हिस्सों में इंटरनेशनल फ्लाइट शर्तों के साथ शुरू की जा चुकी है लेकिन इस सूची में नागपुर का नंबर नहीं लग पा रहा है. इंटरनेशल एयरपोर्ट की लाज रखने वाला एकमात्र सेवा भी वर्षों से बंद पड़ा हुआ है.

    विमानतल के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ‘एयर बबल अनुबंध’ के साथ कुछ फ्लाइट शुरू कर रही है. इंदौर से इसी करार के तहत सेवा शुरू की गई होगी. सवाल यह है कि नागपुर में भी एयर बबल अनुबंध के तहत सेवा शुरू की जा सकती थी लेकिन इसके लिए किसी ने रुचि ही नहीं ली. यही कारण है कि एयरपोर्ट केवल नाम का इंटरनेशनल बनकर रह गया है. 

    फुल लोड से उड़ान

    जानकारों की मानें तो बंद होने से पूर्व शारजाह फ्लाइट फुल लोड पर सेवा दे रही थी. नागपुर और आसपास के लोग बड़ी संख्या में सेवा का लाभ ले रहे थे. आज भी फ्लाइट शुरू होती है तो सैकड़ों लोग जाने-आने को इच्छुक हैं. सेवा शुरू नहीं कर यात्रियों को एयरलाइंस निराश ही कर रही है.

    डोमेस्टिक में 10 फ्लाइट कम

    कोरोना के पूर्व नागपुर विमानतल से 32 फ्लाइट का डिपार्चर होता था. यानी इतने भी फ्लाइट का आगमन भी होता था. एक दिन में लगभग 62 ‌फ्लाइट का आना-जाना विभिन्न डेस्टिनेशनों के लिए होता था लेकिन कोरोना के बाद फ्लाइट की संख्या घटकर 22 (डिपार्चर) तक रह गई है. यानी एक दिन में डिपार्चर फ्लाइट की संख्या 10 कम हो गई है. आने-जाने वाले फ्लाइट 22 घट गई हैं. एयरलाइंस कंपनियां नागपुर से सेवा शुरू करने को इच्छुक नजर नहीं आ रही हैं. जबकि देश के कई हिस्सों में ताबड़तोड़ नई-नई फ्लाइटें शुरू हो रही हैं और नए-नए डेस्टिनेशन को जोड़ने का काम किया जा रहा है. 

    फ्लाइट कम, मुनाफा ज्यादा

    सूत्रों का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियों की यह सोची समझी चाल है. ज्यादा फ्लाइट रहने से किराया कम हो जाता था लेकिन फ्लाइट की संख्या सीमित होने से किराया काफी बढ़ गया है. ऑक्यूपेंसी लेबल भी काफी बढ़ गया है. इससे एयरलाइंस कंपनियों को मुनाफा हो रहा है. वे नहीं चाहती कि लोगों को सेवा दिया जाए, बल्कि वे ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सेवा शुरू नहीं कर रही हैं.

    विंटर शेड्यूल में नई फ्लाइटें हो सकती हैं शुरू

    विंटर शेडयूल जारी हो चुका है. 28 अक्टूबर से ही कई फ्लाइट शुरू होने जा रही हैं. कुछ नए डेस्टिनेशन भी मिल रहे है. नवंबर में और फ्लाइट भी मिल सकती हैं. हमें उम्मीद है कि विंटर शेडयूल में स्थिति नार्मल हो जाएगी. कोरोना काल के पूर्व स्तर पर हम पहुंच जाएंगे. उम्मीद की जा रही है कि इंटरनेशनल फ्लाइट भी शुरू हो जाएगी. इसी तरह कतर एयरवेज भी इच्छुक है कि वह नागपुर से पुन: सेवा शुरू करें. नीति के अनुसार हम आगे बढ़ रहे हैं. एमआईएल ने कई गंतव्यों के लिए सेवा शुरू करने की मांग की है.- रूही आबिद, वरिष्ठ विमानतल निदेशक