Supreme Court
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नागपुर. मालिक और किराएदार के बीच उत्पन्न हुए विवाद के बीच ही इमारत की जर्जर हालत को लेकर हुई कार्रवाई तथा महाराष्ट्र म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट की धारा 433 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए वेस्टर्न रेफ्रिजरेशन इंजीनियरिंग कम्पनी और अन्य की ओर से वर्ष 2021 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट द्वारा 17 मार्च 2023 को याचिका ठुकरा दी. इसे चुनौती देते हुए अब याचिकाकर्ताओं की ओर से सुको का दरवाजा खटखटाया गया है. मामले में सुनवाई के बाद न्यायाधीश वी. रामासुब्रमणियन और न्यायाधीश पंकज मित्तल ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग, मनपा के धंतोली जोन के सहायक आयुक्त, पुलिस आयुक्त और मकान मालिक खन्ना को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. सुधीर वोडिटेल और रवीन्द्र बाना ने पैरवी की.

मनपा की कार्रवाई में दखलअंदाजी से इंकार

मनपा की ओर से किराएदारों के हिस्सा तोड़ने की कार्रवाई के लिए 5 मार्च 2020 को महाराष्ट्र म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट की धारा 264 के तहत नोटिस जारी किया था. इस नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध हाईकोर्ट से किया गया था. किंतु हाईकोर्ट ने मनपा की कार्यवाही में दखलअंदाजी करने से इनकार कर दिया था.

सुको में सुनवाई के दौरान अधि. वाडिटेल ने कहा कि धारा 433 ए की संवैधानिक वैधता को लेकर उठाए गए सवाल पर हाईकोर्ट ने संज्ञान ही नहीं लिया है. यहां तक कि क्या कानूनी तौर पर पूरी इमारत या इमारत के केवल कुछ हिस्से पर धारा लागू होती है? इसका भी खुलासा नहीं हुआ है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता (किराएदारों) के अधिकार क्षेत्रवाले हिस्से तोड़ने में हुई लापरवाही और मशीनों के हुए नुकसान पर भी अदालत का ध्यानाकर्षित किया गया. 

यह है पूरा मामला

  • ग्रेट नाग रोड पर खन्ना परिवार की इमारत है, जर्जर इमारत होने के कारण इसे गिराने के लिए 1 नवंबर 2020 को मनपा से शिकायत दर्ज की गई थी.
  • 22 जनवरी 2021 को मनपा के अधिकृत स्ट्रक्चरल आडिटर पैनल में किसी भी आडिटर से इमारत के स्ट्रक्चरल आडिट कराने तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे.
  • 10 फरवरी 2021 को सम्पत्तिधारक ने स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट प्राप्त की. रिपोर्ट के अनुसार जल्द से जल्द इमारत को गिराने की सिफारिश की गई थी.
  • 16 फरवरी 2021 को मनपा के संबंधित विभाग को रिपोर्ट प्रेषित की गई. मनपा द्वारा इमारत की जांच की गई. इसके बाद 5 मार्च 2021 को सम्पत्तिधारक और सभी किराएदारों को नोटिस जारी किया गया.
  • नोटिस के अनुसार 7 दिनों के भीतर इमारत को गिराया जाना था. सम्पत्तिधारकों द्वारा इमारत को नहीं तोड़ने जाने पर मनपा की ओर से 30 जून 2021 को कार्रवाई के लिए पुलिस बंदोबस्त मांगा गया था.