Tekadi Flyover, nagpur

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नागपुर. गणेश टेकड़ी फ्लाईओवर के कारण स्टेशन के सामने होने वाले ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए यहां पर 6 लेन रोड प्रस्तावित किया गया. फ्लाईओवर तोड़ने के लिए दूकानदारों के न्यायिक विवादों के बीच सोमवार को मनपा को एक बड़ी राहत मिली. इसमें अदालत ने दूकानदारों के दावे को सिरे से खारिज कर दिया. चूंकि अब दूकानदारों के दावों को हाई कोर्ट द्वारा खारिज किया गया. अत: निचली अदालत या फिर अन्य न्यायिक मामलों के जल्द निपटारे कर फ्लाईओवर तोड़कर 6 लेन निर्माण का प्रक्रिया को गति दी जा सकती है. हालांकि प्रकल्पों को लेकर मनपा की कार्यप्रणाली का अनुभव अच्छा नहीं रहा है लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के महत्वाकांक्षी प्रकल्प को अब जल्द पूरा कर अपनी छवि को बदलने का मौका मनपा के पास है.

औचित्य भर रह गया जिला अदालत का मामला

– सूत्रों के अनुसार दूकानों का उचित मुआवजा नहीं मिलने का कारण देते हुए 20 लाइसेंसधारक जिला न्यायालय में गए थे जहां सुनवाई चल रही थी. इसी बीच 20 में से 7 लाइसेंसधारकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. 

-इन 7 लाइसेंसधारकों की याचिका एक दिन पहले हाई कोर्ट ने ठुकरा दी. चूंकि उसी मुद्दे को लेकर जिला न्यायालय में सुनवाई हो रही है, अत: 13 लाइसेंसधारकों का मसला अब औचित्य भर रह गया है किंतु इसके लिए मनपा को जिला न्यायालय में उपस्थित होकर इसकी जानकारी कोर्ट को देनी होगी. जिससे मसला हल हो सकेगा. 

– बताया जाता है कि इन 13 लाइसेंसधारकों में से भी 3 लोगों ने मामले पहले ही वापस ले लिए हैं जिससे केवल 10 लाइसेंसधारकों का विवाद बचा हुआ है. 

बेवजह अड़ंगे डाल रहे दूकानदार

सूत्रों के अनुसार मनपा ने लाइसेंसधारकों को विकल्प दिए थे जिनमें कुछ  ने दूकानों के बदले दूकान मांगी थी. लॉटरी पद्धति से ड्रा निकालकर इन्हें दूकानों का आवंटन किया गया किंतु अब इनमें से कुछ लाइसेंसधारक सामने की दूकानों की मांग कर पुन: हाई कोर्ट में गए हैं. इस तरह से बेवजह अड़ंगे डाले जाने की जानकारी सूत्रों ने दी. बताया जाता है कि इस मामले में कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को कब तक स्थायी दूकानों का निर्माण होगा तथा राशि की उपलब्धता को लेकर शपथपत्र मांगा है. यदि पीडब्ल्यूडी विभाग ने हलफनामा दिया तो वह मसला भी जल्द हल हो सकेगा. 

आदेश के अनुसार कर रहे कार्य

कुछ मामले न्यायालय के विचाराधीन होने के कारण मनपा स्वयं संज्ञान से कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. जैसे-जैसे मामलों के निपटारे हो रहे हैं. उसके अनुसार तोड़ू कार्रवाई की जा रही है. अब हाई कोर्ट ने जिन मामलों में फैसला सुनाया, उनकी 10-12 दूकान हैं जिन्हें तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. 

-मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, मनपा.

इस तरह है मामला

-165 दूकानों का हुआ था निर्माण.

-111 दूकानों को अब तक तोड़ा गया.

-45 दूकानों को लेकर न्यायिक विवाद रहा है.

-20 दूकानों के लाइसेंसधारक निचली अदालत गए.

-25 लोगों ने रोड साइड के लिए फिर हाई कोर्ट में गुहार लगाई.