नागपुर. राकां नेता छगन भुजबल ने मांग की कि ठेका भर्ती में भी आरक्षण दिया जाए. उन्होंने भाजपा को आड़ेहाथ लेते हुए कहा कि ओबीसी जनगणना होनी ही चाहिए. पुरानी सरकार ने यह किया था लेकिन मोदी सरकार ने वह आंकड़ा घोषित नहीं किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार के समय एसी रूम में बैठकर ओबीसी इंपेरिकल डेटा तैयार किया गया. उनके अनुसार मुंबई में ओबीसी ही नहीं हैं. वे राकां ओबीसी सेल की ओर से महात्मा फुले सभागृह में आयोजित 2 दिवसीय शिविर के समापन समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान पूर्व मंत्री प्रफुल पटेल, अनिल देशमुख, हरि नरके उपस्थित थे. भुजबल ने कहा कि एससी-एसटी की तरह ही ओबीसी को निधि मिलनी चाहिए. ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना होनी चाहिए.
OBC के लिए छोड़ी शिवसेना
भुजबल ने खुलासा किया कि जिस काल में उन्होंने शिवसेना छोड़ी उस काल में यह आसान नहीं था. वहां भीतर जाने का दरवाजा था लेकिन बाहर निकलने का नहीं लेकिन मैंने ओबीसी के लिए ही नागपुर में शिवसेना छोड़ी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इतिहास बदलने का काम कर रही है. शिवाजी महाराज को पुस्तक में केवल आधा पन्ना मिलेगा और फुले, आंबेडकर को कितनी जगह मिलेगी, यह सोचनीय है. सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा महाराष्ट्र सदन से हटाई लेकिन कितने लोगों ने इसका विरोध किया. केवल भाषण से काम नहीं चलेगा, प्रत्यक्ष काम करना होगा. उन्होंने रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री से इस्तीफा देने की मांग भी की.
…तो सत्ता उसी की : पटेल
प्रफुल पटेल ने कहा कि मनपा चुनाव नहीं हुआ, प्रशासक शासन चला रहे हैं. उन पर सरकार का दबाव है और इससे जनता का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव सामने आ रहे हैं. वर्तमान सरकार की प्रतिमा मलिन हो गई है. ओबीसी जिनके पक्ष में होंगे उसकी ही सत्ता होगी. उन्होंने रेल दुर्घटना पर सवाल उठाया कि आधुनिक तकनीक होते हुए दुर्घटना कैसे हुई. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. हरि नरके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ओबीसी जनगणना के पक्ष में थे. उन्होंने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन अब पलटी मार गए. प्लानिंग कमीशन ने भी कहा है कि ओबीसी विकास के लिए जनगणना जरूरी है. भाजपा के पास 31 फीसदी ओबीसी वोटर हैं लेकिन वह केवल उनका उपयोग कर रही है.