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नागपुर. बीते एक महीने से शहर के साथ पूरे विदर्भ में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है. आलम यह है कि मेडिकल सहित दूसरे सरकारी और निजी अस्पतालों में फिजिशियन की ओपीडी में प्रतिदिन पहुंच रहे मरीजों में 80 फीसदी में बुखार, खांसी और जुकाम की शिकायतें हैं.

डॉक्टर्स के अनुसार बीते करीब एक माह से बुखार के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. अचानक मौसम में आए बदलाव के कारण बुखार खासकर वायरल फीवर ने जोर पकड़ा है. एक सप्ताह से लगातार वायरल फीवर के मामले बढ़े हैं. अच्छी बात यह है कि मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है. सामान्य दवाओं से 4 से 5 दिन में मरीज ठीक हो रहे हैं. डॉक्टर मरीजों को खानपान में विशेष सतर्कता की सलाह के साथ ठंडी चीजें खाने से बचने की राय दे रहे हैं.

असमंजस में मरीज

इन दिनों कोरोना के मामले भी बढ़ घट रहे हैं. ऐसे में वायरल फीवर के मरीज कोरोना और वायरल फीवर में अंतर नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में वह कोरोना मानकर जांच भी करा रहे हैं. ज्यादातर लोग कोरोना की जांच की बजाय इलाज करा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह है कि वायरल फीवर के मरीज भी कोरोना मरीज की तरह सावधानी बरतें और खांसते व छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखें. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रखें. 

इन लक्षणों पर जांच जरूरी 

फिजिशियनों के अनुसार कोरोना और वायरल फीवर में कई असमानताएं होती हैं. वायरल फीवर में बुखार, खांसी और जुकाम होगा लेकिन कोरोना में नाक से पानी बहना, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना, सिर में तेज दर्द, शरीर में दर्द आदि रहता है. जिन मरीजों में यह लक्षण हों वह कोरोना की जांच जरूर कराएं और योग्य चिकित्सक से इलाज कराएं लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है. इससे कोई भी बीमारी परिवार के दूसरे सदस्यों में नहीं फैलेगी. 

बचाव के लिए यह करें

वायरल से ग्रसित मरीज खांसते और छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखें. कोल्ड ड्रिंक्स, पेस्ट्री, आइसक्रीम खाने से बचे. मरीज की खांसी और छींक की चपेट में आने से बचे. बेवजह भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, मॉल, बस अड्डा जाने से बचे. इस मौसम में सिर्फ घर का बना सादा खाना ही खाएं.