Earthquake In Nagpur
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. नागपुर जिला भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में नहीं आता है. इसके बावजूद बीते 3 दिनों से जिले के अलग-अलग हिस्सों में 2.4 से लेकर 2.7 मैग्नीट्यूड तीव्रता के हल्के झटके लगातार लग रहे हैं. इससे जहां नागरिकों में भी भूकंप को लेकर उत्सुकता बढ़ रही वहीं तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. कुही, उमरेड, खापरखेड़ा इलाकों में जहां 3 दिनों तक हल्के झटके महसूस किए गए, वहां के नागरिकों में इसे लेकर भय नजर आ रहा है कि कहीं जोर का झटका तबाही न मचा दे.

प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है. आपत्ति व्यवस्थापन विभाग इस संदर्भ में भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग को पत्र लिखने वाला है ताकि कारणों का पता लगाया जा सके. वहीं भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी का कहना है कि लगातार 3 दिनों तक सौम्य झटकों का अध्ययन किया जाएगा. इसमें ढाई से तीन महीने लग सकते हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि इस तरह के सौम्य झटके लगते ही रहते हैं लेकिन ये महसूस नहीं होते.

खदानें हो सकती हैं झटके का कारण
राज्य में पूर्व मराठवाड़ा में भयावह भूकंप आया था. नागपुर व विदर्भ भूकंप क्षेत्र में नहीं आते लेकिन विदर्भ से लगे मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ भाग भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं. नागपुर को भूकंप का खतरा नहीं है, फिर भी 500 किमी एरिया में बेहद हल्के झटके की संभावना रहती है. आपत्ति व्यवस्थापन विभाग के अंकुश गावंडे ने बताया कि जिले में खदानें बड़ी संख्या में हैं. आशंका है कि कहीं खदानों के कारण तो झटके नहीं लग रहे हैं. भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ढाई से तीन महीने इसका अध्ययन करेगा.