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सीपी अमितेश कुमार

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    नागपुर. नकली नोट के व्यापार में लोगों को रकम दोगुनी करने का लालच देकर लूटने वाले ठग पप्पू उर्फ प्रमोद अवस्थी सहित उसकी गैंग पर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मोका लगाने की तैयारी की है. अवस्थी की गैंग में पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदेहास्पद है. एक प्रकरण में सीधी मिलीभगत पाए जाने पर नंदनवन थाने के एक कांस्टेबल को भी आरोपी बनाया गया है. अब उसकी नौकरी जाने भी तय है. पप्पू अवस्थी, उसका बेटा आशू अवस्थी, पत्नी पद्मा, दिघोरी निवासी राजू काल्या उर्फ दीपक चौधरी और अन्य ने मिलकर कई लोगों को लूटा है. पप्पू ने अपनी गैंग में बहुत से एजेंट पाल रखे हैं.

    यह एजेंट लोगों को 1-2 महीने के भीतर ही रकम दोगुना करने का झांसा देते हैं. बाद में उन्हें बताया जाता है कि 10 लाख के बदले 20 लाख रुपये के नकली नोट मिलेंगे. सैंपल के तौर पर लोगों को मार्केट में चलाने के लिए नकली नोट दिए जाते हैं लेकिन असल में नोट असली होती है. लोगों को विश्वास हो जाता है. इसके बाद उन्हें मोटी रकम लेकर बुलाया जाता है. डील के बीच में ही पुलिस की रेड हो जाती है. जेल जाने से बचने के लिए लोग सेटिंग करने को तैयार हो जाते हैं और सारी रकम पच जाती है.

    अपने ही थाने के लॉकअप में हुआ कैद

    ऐसा ही कुछ ब्रम्हपुरी के एक व्यापारी के साथ भी हुआ. उस समय पप्पू के गहने पर नंदनवन थाने के कांस्टेबल विजय गभने ने छापा मारा था. डीसीपी नुरुल हसन ने प्रकरण की बारीकी से छानबीन की. विजय की भूमिका सामने आने पर उसे भी प्रकरण में आरोपी बनाया गया. शनिवार की रात विजय को गिरफ्तार किया गया. अपने ही थाने के लॉकअप में बंद किया गया. बताया जाता है कि विजय के अलावा और भी पुलिसकर्मी इस मामले में नपने वाले है. पप्पू ने लालच देकर कई पुलिसकर्मियों को अपनी गैंग में शामिल कर रखा था. 

    किसी को बख्शा नहीं जाएगा : CP अमितेश कुमार

    सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि फिलहाल विजय की भूमिका सामने आई है. इसीलिए उसे मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए है. जानकारी मिली है कि पप्पू अवस्थी और उसकी गैंग ने कई लोगों को लूटा है. उनपर जल्द ही मोका के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. विभाग के जो लोग अवस्थी के साथ लोगों को लूट रहे थे. उन सभी का पता लगाया जा रहा है. सभी नंबरों की जांच हो रही है. यदि और भी लोगों की भूमिका सामने आती है तो उनपर भी कार्रवाई की जाएगी. विभाग में काम करते हुए इस तरह की गतिविधियों में शामिल होना आश्चर्य की बात है. इस तरह की घटनाओं से पूरे विभाग की छवि खराब होती है. किसी को बक्शा नहीं जाएगा.