Nitin Gadkari and Afsar Pasha

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नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से 100 करोड़ की रंगदारी मांगने तथा जान से मारने की धमकी के मामले में जयेश पुजारी व उसके साथी जैश-ए- मोहम्मद व पीएफआई आतंकी संगठन के सदस्य बशीरुद्दीन नूर अहमद उर्फ अफसर पाशा के खिलाफ सघन जांच जरूरी है. इससे इस मामले को मुंबई स्थित एनआईए की विशेष अदालत में ट्रांसफर करने की मांग एनआईए ने जिला सत्र न्यायालय से की थी. न्यायालय द्वारा इसे ठुकराए जाने के बाद अब एनआईए ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से 100 करोड़ की रंगदारी मांगने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार जयेश पुजारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल आतंकी बशीरुद्दीन नूर अहमद उर्फ अफसर पाशा के साथ जयेश के कथित संबंधों की जानकारी उजागर होने के बाद एनआईए सक्रिय हो गई. मई में एनआईए की टीम ने नागपुर पहुंचकर इस मामले की छानबीन की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद एनआईए ने गडकरी के फोन कॉल मामले को आतंकी गतिविधियों की दिशा में छानबीन शुरू कर दी.

जेल में पाशा से हुई पहचान

बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में वर्ष 2005 में आतंकी हमला करने के पीछे पाशा का हाथ था. इस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से वह बेलगावी की जेल में सजा भुगत रहा है. इस तरह से जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा में युवाओं शामिल करने के मामले में वर्ष 2012 में पाशा को सजा सुनाई गई. बेलगावी जेल में ही पाशा और पुजारी के बीच पहचान हुई. बताया जाता है कि पाशा ने ही जयेश पुजारी को गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में फोन करने को कहा था जिसके अनुसार जयेश ने फोन कर 100 करोड़ की रंगदारी मांगी थी. इस मसले को लेकर अब दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.  छानबीन के लिए दोनों को हिरासत में भी लिया गया.

डी-गैंग के अलावा कई से नेक्सस

पुलिस विभाग का भी मानना है कि जयेश की डी-गैंग के राशीद मलबारी के अलावा अन्य से भी नेक्सस है जिसमें केरला के टी-नजीर उमर, कर्नाटक के अफसर पाशा, पाकिस्तान (कराची) के मोहम्मद फहार, बेंगलुरु के सैयद अब्दुल, बेंगलुरु के ही मो. शाकीर जैसे नामों का खुलासा हो रहा है. इसके अलावा जयेश प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा, कुंजीग गैंग और पीडीएफ पार्टी के सदस्यों से भी तालुक रखता है.