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    नागपुर. इथेरियम नामक रशियन क्रिप्टो करेंसी में पैसा निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर सैकड़ों लोगों को चूना लगाने वाले ठग निषेध वासनिक सहित 8 आरोपियों की पुलिस हिरासत 4 मार्च तक बढ़ाई गई. पुलिस ने महिला आरोपियों को भी एमपीआईडी के विशेष न्यायाधीश सालुखंडे की अदालत में पेश किया था. अदालत ने तीनों महिलाओं को जेल रवाना कर दिया है. ज्ञात हो कि लंबे समय से फरार इस गिरोह को पुलिस ने पुणे के लोणावला से गिरफ्तार किया था.

    न्यायालय ने निषेध वासनिक, उसके पिता महादेवराव वासनिक, पत्नी प्रगति वासनिक, संदेश पंजाबराव लांजेवार, गजानन भोलेनाथ मुंगने, ललित संजय नाईक, दीपक तुलसीराम नाईक, सचिन रूपचंद वासनिक, रामू उर्फ सोनू हीरामन वनवे , दीक्षा संदेश लांजेवार और कल्पना गजानन मुंगने को 28 फरवरी तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए थे. सोमवार को दोबारा सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. महिला आरोपियों की न्यायिक हिरासत मांगी गई, जबकि अन्य 8 आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग की गई. 

    इन मुद्दों पर मांगी गई हिरासत

    पुलिस ने न्यायालय को बताया कि बड़ी संख्या में निवेशक शिकायत करने आ रहे हैं. ऐसे में रकम और बढ़ने वाली है. आरोपियों ने इथेरियम की खरीदी-बिक्री करने के लिए अलग-अलग ट्रस्ट वालेट तैयार किए थे. उनका पता लगाना बाकी है. निवेश की गई रकम से आरोपियों ने  अलग-अलग जगहों पर जो चल-अचल संपत्ति खरीदी है उसकी जानकारी लेनी है. इसके अलावा ट्रस्ट वालेट के पिन और 12 अक्षरों का पता लगाना है. आरोपी फरार होने के बाद कहां-कहां गए और उनकी मदद किन लोगों ने इसकी जानकारी इकट्ठा करनी है. संदेह है कि आरोपियों ने अपने ट्रस्ट वालेट की जानकारी गूगल ड्राइव, पेन ड्राइव और अन्य ईमेल आईडी पर छिपाकर रखी है. सभी की आईडी का पता लगाने की लिए पुलिस हिरासत बढ़ाई जाए. 

    बचाव पक्ष ने किया विरोध

    बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश जायसवाल, नितिन वासे, मासुरके, आशीष नायक और रौनक शर्मा ने पुलिस हिरासत का विरोध किया. बचाव पक्ष का कहना था कि पुलिस पहले ही 10 दिन की हिरासत ले चुकी है. जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है. इन मुद्दों पर पहले भी हिरासत ली जा चुकी है, इसीलिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए. न्यायालय ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद 8 आरोपियों को 4 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले राजेंद्र खोब्रागड़े, श्रीकांत झिबड़ और राजपाल देशभ्रतार की गिरफ्तारी हो चुकी है. उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किए जा चुके हैं.