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प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. निजी कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (पेसो) के अन्य अधिकारियों पर भी शिकंजा कसती दिख रही है. रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई ने डिप्टी चीफ कंट्रोलर अशोक कुमार दलेला और विवेक कुमार सहित मेसर्स सुपर शिवशक्ति केमिकल प्रा. लि. कंपनी के संचालक देवीसिंह कछवाह और बिचौलिये प्रियदर्शन दिनकर देशपांडे को गिरफ्तार किया था.

जानकारी मिली है कि देशपांडे के घर की जांच के दौरान सीबीआई को एक डायरी मिली. इस डायरी में पेसो के अधिकारियों के साथ हुए लेन-देन की जानकारी हाथ लगी. इसी के चलते सीबीआई ने पेसो के चीफ कंट्रोलर पी. कुमार को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. पी. कुमार के घर की तलाशी लेने पर सीबीआई को 5.86 लाख रुपये नकद के अलावा 3 फ्लैट के दस्तावेज भी मिले हैं. एक फ्लैट मुंबई के समीप पनवेल में, दूसरा दिल्ली से सटे वैशाली में और तीसरा मेरठ में होने की जानकारी सामने आई है.

बता दें कि सीबीआई गाजियाबाद की ब्रांच इसके पहले भी पी. कुमार पर शिकंजा कस चुकी है. उनके खिलाफ वर्ष 2005 में आय से अधिक संपत्ति का केस भी दर्ज किया गया था. रिश्वतखोरी के मामले में पकड़े गए दलेला, विवेककुमार, देशपांडे और कछवाह की हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें दोबारा विशेष अदालत में पेश किया गया. न्यायालय ने चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए. सीबीआई के डीआईजी सलीम खान ने बताया कि फिलहाल इस मामले में और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पी. कुमार को केवल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. अब भी जांच जारी है इसलिए फिलहाल इस मामले में और कुछ कहना सही नहीं होगा. वैसे बता दें कि पी. कुमार पेसो के उच्चतम पद पर कार्यरत हैं.

देशभर की एक्सप्लोसिव और पेट्रोलियम कंपनी का नियंत्रण उनके हाथों में है. सीबीआई केवल पी. कुमार ही नहीं बल्कि पेसो के अन्य अधिकारियों के स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड कर रही है. पेसो में आने वाली कोई भी फाइल पी. कुमार की सहमति के बगैर आगे नहीं बढ़ सकती, इसलिए सीबीआई को संदेह है कि दलेला और विवेक कुमार उनके संरक्षण में भ्रष्ट गतिविधियां चला रहे थे.

उल्लेखनीय है कि देवी सिंह कछवाह की कंपनी इलेक्ट्रॉनिक डिटोनेटर की बड़ी उत्पादक है. इस कंपनी को वर्ष 2024 में अपनी उत्पादन क्षमता 75 प्रश तक बढ़ानी थी. इसके लिए उन्होंने बिचौलिये देशपांडे के जरिए पेसो के अधिकारियों के साथ सेटिंग की थी. सीबीआई को अपने इंटेलिजेंस नेटवर्क से डील की जानकारी मिल गई और दलेला व विवेक कुमार को पकड़ा गया. देशपांडे लंबे समय से पेसो में लाइजनिंग का काम कर रहा है. पेसो के अधिकांश अधिकारी उसके संपर्क में थे. इस मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.