PM Aawas Yojna
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    • लाखों लाभार्थी लाभ से वंचित 
    • समय पर निधि नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी 
    • मकान के सपने पर लगा ग्रहण  

    नागपुर. गरीबों को उनके हक का मकान मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की. शुरुआत में कई लोगों को इसका पूरा लाभ मिला लेकिन इसके बाद कोरोना का लॉकडाउन लगने के बाद लाभार्थियों के खातों में किस्त के पैसे जमा नहीं होने से कई लोगों ने या तो किराये के मकान में रहना शुरू कर दिया या फिर कई ने पैसे उधार लेकर मकान का काम शुरू किया. ऐसे में जब लाभार्थी किस्त के बारे में पूछने जाते हैं तो बताया जाता है कि राज्य सरकार के खाते में जैसे ही पैसे जमा हो जाएंगे तब निधि का वितरण किया जाएगा. लेकिन उसके लिए केंद्र से अभी निधि प्राप्त नहीं हुई. जब तक केंद्र सरकार राज्य सरकार को निधि नहीं देती तब तक किस्त की अदायगी नहीं की जा सकती. ऐसे में योजना के लाभार्थी केंद्र और राज्य सरकार के पेच में फंसा होने से उसके खुद का मकान बनाने का सपना धरा का धरा रह गया. निधि के अभाव में इस योजना पर मानो ग्रहण सा लग गया है.

    ‘सबके लिए घर’ इस संकल्पना से देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है लेकिन एक साल बीतने के बाद भी योजना की किस्त नहीं मिलने से लाभार्थियों ने कर्ज लेकर मकान बनाए हैं. ऐसे में अब उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है़  घरकुल मंजूर होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के कई लाभार्थियों ने अपने जर्जर मकानों को तोड़कर योजना अंतर्गत नये मकान बनाने की शुरुआत की. कुछ लोग अब भी किराये के मकान में रहे है़ं कर्ज लेकर कुछ लोगों के मकान का निर्माण कार्य पूरा होने को है तो कुछ के कार्य किस्त नहीं मिलने से अधर में अटक गए़  एक ओर निर्माण कार्य की चिंता और दूसरी ओर घर किराये की चिंता होने से लाभार्थी आर्थिक परेशानी में आ गए है़. 

    ऐसे मिलती है निधि

    प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार मिलकर 2,50,000 रुपए घरकुल लाभार्थियों को प्रदान करती है़ं  इसमें केंद्र सरकार 1.50 लाख तथा राज्य सरकार 1 लाख रुपए देती है. लेकिन पिछले एक साल से केंद्र ने राज्य सरकार को लॉकडाउन का बहाना बताकर निधि नहीं दी. इससे स्थानीय स्तर पर लाभार्थियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है.

    ग्रामीण में लाखों लाभार्थी वंचित

    प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले के कई ग्रामीण इलाकों में लाखों लोगों ने आवेदन किया था़ अब तक कई को योजना का लाभ मिल चुका है और वे अपने स्वयं के मकान में रहने भी चले गए हैं. लेकिन आज भी ऐसे अनेक लाभार्थी हैं जो निधि के अभाव में अपने मकान का सपना पूरा नहीं कर पा रहे है़ं  कोरोना और लॉकडाउन के कारण निधि मिलने में देरी होने की बात प्रशासन द्वारा बताई जा रही है़ प्रशासन ने उन लाभार्थियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन लोगों ने अपने पुराने मकान तोड़कर नये मकान बनाने की शुरुआत की़  बारिश और ठंडी के मौसम में कुछ लोग को खुले में रहने को मजबूर हो रहे हैं.

    सालभर से कार्यालय के काट रहे चक्कर

    योजना अंतर्गत मकान बनाने के लिए समय पर किस्त नहीं मिलने से लोगों ने कर्ज लेकर काम शुरू किया. किस्त के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. हर बार लाभार्थियों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है. एक ओर कर्ज का बोझ और दूसरी ओर बच्चों के पढ़ाई की जिम्मेदारी और घर खर्च को लेकर भी लाभार्थियों को चिंता सताने लगी है.

    जगह-जगह हो रहे आंदोलन

    प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त केंद्र सरकार से नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार भी परेशान है और पंगु नजर आ रही है. केंद्र से जल्द से जल्द निधि देने की मांग को लेकर अब जिलेभर में आंदोलन किए जा रहे हैं. जिले की विविध तहसीलों में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर निधि की मांग की जा रही है. कामठी में तो मंगलवार को कांग्रेस की प्रा. अवंतिका लेकुरवाडे के नेतृत्व में भव्य मोर्चा निकाला गया था. इसके अलावा भी कई स्थानों पर आगामी दिनों में आंदोलन करने की तैयारी में लाभार्थी नजर आ रहे है.