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प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. जिला न्यायाधीश व सह सत्र न्यायाधीश एएम राजकारणे की कोर्ट ने 15 वर्षीय नाबालिग के आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. दोषी का नाम देवीनगर, वांजरा लेआउट निवासी मनीष मधुकर पराते (45) बताया गया है.

मामला कलमना थाना क्षेत्र का है. कोर्ट ने मनीष को पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 4 (2) के तहत 20 वर्ष की सजा और 1,000 रुपये का आर्थिक दंड लगाया. आर्थिक दंड न भरने पर 1 महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट में ही सेक्शन 5 (जे) एनपी व सेक्शन 6 में भी दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम जेल की सजा सुनाई. साथ ही 1,000 रुपये का जुर्माना ठोका. जुर्माना न भरने पर 1 महीने की अतिरिक्त जेल होगी.

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार पीड़िता और मनीष एक दूसरे के पड़ोसी थे. मनीष सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. 16 नवंबर 2021 को मनीष की नाइट ड्यूटी होने के कारण उसकी पत्नी घर में अकेली थी. ऐसे में मनीष की पत्नी ने पीड़िता को सोने के लिए घर बुला लिया. पीड़िता उसकी पत्नी के साथ सोने चली गई. उधर मनीष नाइट ड्यूटी से जल्दी घर आ गया.

पीड़िता को देखकर उसकी नीयत बदल गई. उसने पीड़िता का मुंह हाथ से दबाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान उसकी पत्नी सो रही थी. दुष्कर्म के बाद जब पीड़िता ने शोर मचाने का प्रयास किया तो मनीष ने उसे जान से मारने की धमकी दी. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्जकर 17 नवंबर को मनीष को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की ओर से एपीआई अनिता खोब्रागड़े ने कोर्ट में चार्जशीट फाइल की. अभियोजन पक्ष की ओर से एड शेख और बचाव पक्ष की ओर से एड. गिरीष दिपवानी ने पैरवी की.