Nagpur District Court

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    नागपुर. नागपुर महानगरपालिका कर्मचारी सहकारी बैंक लि. में कर्मचारियों की भर्ती के लिए ली गई ऑनलाइन परीक्षा में संचालक मंडल द्वारा धांधली किए जाने को लेकर परीक्षार्थी राखी स्वामी की ओर से शिकायत दर्ज की गई थी. हालांकि मार्च 2020 में इसे संकीर्ण फौजदारी आवेदन के रूप में अपराध दर्ज किया गया था. किंतु भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 तथा 34 के अनुसार इस तरह के अपराध में 2 वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान होने के कारण प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी यूबी पेठे ने इस मामले को नियमित फौजदारी के मामले के रूप में दर्ज करने के आदेश जारी किए. स्वामी की ओर से अधि. विजय धोटे ने पैरवी की. 

    30 पदों के लिए हुई थी ऑनलाइन परीक्षा

    स्वामी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार नागपुर महानगरपालिका कर्मचारी सहकारी बैंक की ओर से 30 पदों के लिए 25 मार्च 2018 को सुबह 11 से दोपहर 4 बजे तक ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी. इस परीक्षा में धांधली कर संचालक मंडल के पदाधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को भर्ती किया. इस संदर्भ में बैंक के शाखा व्यवस्थापक के पास लिखित शिकायत दर्ज की गई थी.

    इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक, सहकारी बैंक के पर्यवेक्षक विभाग, मनपा आयुक्त, सहकारी संस्था के उपनिबंधक, पुलिस आयुक्त, कोतवाली पुलिस, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग तथा आर्थिक अपराध विभाग के पास शिकायत दी गई थी. इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय सहित मुख्यमंत्री समाधान शिविर में भी लिखित शिकायत दी गई थी किंतु किसी भी विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की गई.

    खटखटाया अदालत का दरवाजा

    शिकायत के बावजूद विभागों की ओर से संज्ञान नहीं लिए जाने के बाद जिला सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया. जिस पर मार्च 2020 में अदालत ने संकीर्ण फौजदारी अर्जी के रूप में अपराध दर्ज किया था. अब अदालत ने नियमित फौजदारी मामले के रूप में इसे दर्ज करने के आदेश दिए. साथ ही प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी की ओर से पुलिस की रिपोर्ट और वारंट प्रकरण के जांच के अनुसार अगली कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. 20 अप्रैल तक के लिए सुनवाई स्थगित करने के आदेश भी जारी किए. उल्लेखनीय है कि बैंक के अलावा इसमें 21 पदाधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है.