नागपुर. रेलवे सुरक्षा बल द्वारा ट्रेन 20805 विशाखापट्टनम-दिल्ली एक्सप्रेस में पकड़े गए 106.807 किग्रा गांजा के मामले में सभी सातों आरोपियों को 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया. जब्त माल की कीमत 16,02,105 रुपये आंकी गई. आरोपियों में 5 पुरुष समेत 2 महिलाओं का समावेश है. एक आरोपी नाबालिग है. गिरफ्तारी के बाद लोहमार्ग पुलिस द्वारा सभी को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया. सभी यात्री बनकर आरक्षित टिकट पर सफर कर रहे थे.
आरोपियों के नाम सोनम शकील अहमद (25), मोहम्मद आसिफ अहमद शकील अहमद (20), गुलफान उस्मान खान (19) और एक नाबालिग बालक है. ये सभी दिल्ली निवासी है. वहीं गुलशन शरीफ (35), सैफ अली अशरफ अली अंसारी (22), विपिन विजेंद्र सिंह गाजियाबाद निवासी हैं. 2 गुटों में बंटे ये आरोपी बी1 और एस5 कोच में सफर कर रहे थे. आरपीएफ को एस-5 कोच में 4 बैग, जबकि बी1 कोच में 5 बैग मिले. इनमें से 8 बैग में में गांजा भरा हुआ था.
तेज गंध आने से कोच में गश्त कर रहे आरपीएफ जवानों को शक हुआ और तस्करी का भंडाफोड़ हो सका. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने विशाखापट्टनम से ये गांजा खरीदा था और दिल्ली व गाजियाबाद में बेचने के लिए तस्करी करके ले जा रहे थे.
यह कार्रवाई वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पांडेय, पीआई आरएल मीना और आरपीएफ खुफिया शाखा के पीआई नवीन प्रताप सिंह के मार्गदर्शन मुकेश राठौड़, सागर लाखे, नवीन कुमार, राजू मीना, महिला आरक्षक उर्मिला शर्मा आदि ने की.