Ganja
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    नागपुर. लड़कियों के जरिए ओडिसा से गांजा तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद मंगलवार को नया खुलासा हुआ. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया. बताया जाता है कि पकड़े गए आरोपियों ने उससे भी माल खरीदा था. इस कार्रवाई को लेकर आरपीएफ में खलबली मच गई. अपराधियों के बीच हुई धमकी भरी बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद सीपी अमितेश कुमार ने क्राइम ब्रांच को जांच के निर्देश दिए थे.

    पुलिस ने जाल बिछाकर सीआरपीएफ कैंप निवासी अभिषेक ललित पांडे (19) और फेटरी, काटोल रोड निवासी अरुण उर्फ सोनू राजकुमार ठाकुर (28) को गिरफ्तार किया था. उनसे 730 ग्राम गांजा और कार जब्त की गई. दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि अमन उर्फ गोल्डी गणवीर के साथ मिलकर उन लोगों ने ओडिसा से गांजा खरीदा था. कुछ माल जागनाथ बुधवारी निवासी लवकेश उर्फ कुश चंद्रमोहन माली (23) और मेहंदीबाग सोनार टोली निवासी विजय उर्फ बंटी गुप्ता (30) को बेचा है. तुरंत पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

    गोल्डी गणवीर की तलाश जारी

    न्यायालय ने सभी आरोपियों को 6 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए. माली और गुप्ता ने बताया कि उन लोगों ने अपना माल शांतिनगर रेलवे क्वार्टर निवासी रामसिंह चोथमल मीना (30) के पास रखा है. पुलिस ने मीना के घर पर छापा मारा और तलाशी ली. जांच में 6 किलो गांजा बरामद हुआ. मंगलवार की रात पुलिस ने मीना को भी गिरफ्तार कर लिया. मीना आरपीएफ में सब इंस्पेक्टर है. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे डिवीजन के तहत उसकी तैनाती इतवारी रेलवे स्टेशन पर थी. इस मामले में फेटरी, कलमेश्वर निवासी सूरज बिहारी उर्फ तिवारी और गोल्डी गणवीर अब भी फरार है. पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. बताया जाता है कि गोल्डी गणवीर के पास भी भारी मात्रा में माल था लेकिन अभिषेक के पकड़े जाते ही वह फरार हो गया. 

    लावारिस मिले माल को बेचा

    बंटी गुप्ता के जरिए मीना इस गैंग में शामिल हो गया. बताया जाता है कि पहली बार उसे इतवारी स्टेशन पर लावारिस स्थिति में गांजा मिला था. कार्रवाई करने की बजाए मीना ने माल अपने पास रख लिया था. बंटी गुप्ता के जरिए अन्य लोगों को माल बेच दिया था. तब से वह भी गांजे की खरीदी-बिक्री का हिस्सा बन गया. पुलिस अधिकारी होने के कारण किसी को उस पर संदेह नहीं होता था. बुधवार को पुलिस उसे न्यायालय में पेश करेगी. डीसीपी चिन्मय पंडित और एसीपी रोशन पंडित के मार्गदर्शन में नशीले पदार्थ विरोधी दस्ते इंस्पेक्टर मनोज सिडाम, एपीआई सूरज सुरोशे, बद्रीनारायण तांबे, सब इंस्पेक्टर बलराम झाड़ोकर और उनकी टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया.