नागपुर. सभी को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत प्रवेश पाने वाले अभिभावकों द्वारा बोगस दस्तावेज़ प्रस्तुत कर प्रवेश लेने का सिलसिला अब भी जारी है. इस तरह के प्रवेश से जरूरतमंद अभिभावकों के बच्चों को प्रवेश नहीं मिल रहा है.
इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मो.शाहिद शरीफ ने बताया कि बोगस तरीके से दस्तावेज तैयार करने संबंधी शिकायत के बाद जिलाधिकारी कार्यालय के अधीक्षक गृह कक्ष से जांच करने पर पुष्टि हुई कि जारी किये गये जाति प्रमाण पत्र बोगस थे. इस तरह के बोगस दस्तावेज से 5 छात्रों को एक नामी स्कूल में प्रवेश दिया गया. इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
दरअसल गट शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना हस्ताक्षर के प्रमाण पत्र पर प्रवेश दिया गया. इस तरह से लापरवाही उचित नहीं है. नागपुर पंचायत समिति के गट शिक्षा अधिकारी द्वारा बरती गई लापरवाही के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं, इस पर नजर लगी हुई है. इससे पहले भी गड़बड़ियां उजागर हुई है. उस वक्त शिक्षा अधिकारी राजेश लोखंडे की सर्विस बुक में माफीनाफा दिया गया था.