Institutions waiting for RTE grant for 3 years

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    नागपुर. सभी को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत प्रवेश के लिए उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार वेरिफिकेशन कमेटी का गठन किया गया है लेकिन तमाम तरह के नियमों के बाद भी पालकों द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर प्रवेश पाने के मामले सामने आ रहे हैं. इस तरह की लापरवाही बेहद गंभीर है. आवेदन क्रमांक 21NG033192 के पालक ने दस्तावेज तैयार कर समिति के समक्ष जमा कराए.

    समिति ने किराया पत्र की सरकारी पर्ची लाने को कहा. पालक ने किराया पत्र जून महीने का बनाया था. नियमानुसार चालू महीने का किराया पत्र देना पड़ता है. जनवरी में प्रवेश हुआ था इसलिए किराया पत्र भी जनवरी का ही होना चाहिए था लेकिन ने दस्तावेज में छेड़छाड़ की.

    इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मो. शाहिद शरीफ के पास मामला आया तो उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय से सर्टिफाइड कॉपी निकाली. इसमें फर्जी किराया पत्र बनाने का खुलासा हो गया. प्रवेश के वक्त आवेदन में ही यह उल्लेख होता है कि यदि दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी पाई गई तो आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. सब कुछ जानने के बाद भी कई पालक नियमों से छेड़छाड़ कर अपने बच्चों को आरटीई में प्रवेश दिलाने में लगे हैं. इससे निर्धन व जरूरतमंदों का हक छीना जा रहा है. अब संबंधित छात्र का प्रवेश रद्द होना तय है.