RTE Thane

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  • 9,534 राज्यभर के स्कूल 
  • 1,600 करोड़ रुपये बकाया 
  • 36 करोड़ ही किये जारी 

नागपुर. सरकार द्वारा निर्धन व जरूरतमंद छात्रों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए सभी को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत 25 फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाती है. नियमानुसार स्कूलों द्वारा नि:शुल्क प्रवेश दिये जाने की वजह से सरकार द्वारा स्कूलों को हर वर्ष प्रतिपूर्ति नियमित रूप से की जानी चाहिए लेकिन इस मामले में सरकार का रवैया बेहद उदासीन है. वर्तमान में राज्यभर के स्कूलों को सरकार द्वारा 1,600 करोड़ रुपये बकाया दिया जाना है लेकिन सिर्फ 36 करोड़ रुपये ही वितरित करने के आदेश जारी किये गये.

आरटीई फाउंडेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन कालबांडे ने बताया कि राज्य में आरटीई के अंतर्गत 4 लाख विद्यार्थी नि:शुल्क शिक्षा हासिल कर रहे हैं. आरटीई में प्रवेश देने वाली 9,534 स्कूलों का 1,600 करोड़ रुपये आरटीई प्रतिपूर्ति बकाया है. पिछले दिनों सरकार ने केवल 36 करोड़ वितरित करने का आदेश जारी किया जो कि ऊंट के मुंह जीरे की तरह है. सरकार की इस नीति के खिलाफ स्कूल संचालक, शिक्षक व पालकों ने 9 मार्च को मुंबई के आजाद मैदान में अनशन करने का निर्णय लिया है. पिछले 5 वर्षों से सरकार आरटीई का बकाया नहीं दे रही है. यह सरेआम आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12(1)सी का उल्लंघन है.

खुद सरकार कर रही नियमों का उल्लंघन 

संगठन की ओर से बताया गया कि आरटीई प्रवेश में गड़बड़ी होने से शिक्षा विभाग स्कूलों पर तरह-तरह की सख्ती लागू करता है लेकिन जब प्रतिपूर्ति देने की बात आती है तो सरकार हर बार नियमों का उल्लंघन करती है. इससे पहले भी अनेक दफा आंदोलन किये गये लेकिन अब तक राज्य में नियमित रूप से प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी. संस्था चालकों को हर बार आंदोलन का ही रास्ता अपनाना पड़ता है. सरकार से मांग की गई है कि बजट सत्र में उक्त 1,600 करोड़ रुपये मंजूर किये जाये. प्रतिपूर्ति की रकम मिलने के बाद ही स्कूलों में आरटीई के प्रवेश दिया जाएगा. भारतीय संविधान आर्टिकल 14 के अनुसार दिल्ली की तरह ही सभी राज्यों में सुधारित 31,521 रुपये आरटीई दर समान पद्धति से त्वरित लागू की जानी चाहिए. टीसी बिना प्रवेश परिपत्रक रद्द किया जाना चाहिए. इससे स्कूलों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसी तरह शासकीय लीज वाली स्कू्लों को भी प्रतिपूर्ति देने, सभी खिलाड़ी व प्रशिक्षकों को विविध स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए नि:शुल्क प्रवास व रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाने, राज्य के कुल बजट में शिक्षा के लिए 20 फीसदी का प्रावधान करने, सभी तरह की मान्यता को ऑनलाइन करने, सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर समग्र शिक्षा के अंतर्गत आरोग्य व बीमा सुविधा देने की मांग की गई है.