uday samant
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    नागपुर. कोरोना की वजह से सबसे अधिक नुकसान छात्रों का हुआ. ऑनलाइन क्लासेस के कारण दो वर्ष तक ऑनलाइन परीक्षा ली जाती रही. इस सत्र की शुरुआत भी ऑनलाइन क्लासेस से हुई. यही वजह रही कि विवि ने ग्रीष्म सत्र की परीक्षा ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में लेने का निर्णय लिया था. इस निर्णय को सप्ताहभर भी नहीं हुआ कि उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षा लेने के निर्देश उपकुलपतियों को दिये. ऑनलाइन परीक्षा होने से छात्र कुछ हद तक रिलैक्स थे लेकिन सरकार के निर्णय ने न केवल छात्रों बल्कि विवि प्रशासन का भी टेंशन बढ़ा दिया है.

    ऑनलाइन परीक्षा के पक्षधर छात्रों व छात्र संगठनों का कहना था कि आधे से ज्यादा समय ऑनलाइन क्लासेस में बीत गया. ऑफलाइन के बाद भी अनेक छात्र लौटे नहीं. होस्टल भी समय पर नहीं खोले गये. पढ़ाई अधूरी होने से परीक्षा ऑनलाइन ही ली जाये. छात्रों की मांगों को ध्यान में रखकर पिछले सप्ताह हुई परीक्षा मंडल की बैठक में विवि ने ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन परीक्षा भी लेने का निर्णय लिया लेकिन अचानक उच्च शिक्षा मंत्री ने ‘गुगली’ ने अब छात्रों को सतर्क कर दिया है. वहीं विवि को भी परीक्षा की तैयारी में जुट जाने के आदेश दे दिये गये.

    राज्यभर में एक समान पद्धति

    राज्यभर के उपकुलपतियों के साथ बैठक में उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि परीक्षा 15 जुलाई तक निपटाना अनिवार्य है. साथ ही विश्वविद्यालयों को सुनिश्चित करना होगा कि नया सत्र समय पर आरंभ हो सके. कोरोना की वजह से छात्रों के लिखने की प्रैक्टिस कम हो गई है. इस वजह से हर पेपर में 15 मिनट अतिरिक्त समय देने का भी निर्णय लिया गया. दरअसल ऑनलाइन परीक्षा के समर्थन नागपुर सहित अमरावती और मुंबई विवि थे जबकि अन्य विवि ने ऑफलाइन परीक्षा के हामी भर दी थी. मंत्री सावंत का कहना था कि राज्यभर के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पद्धति से परीक्षा ली जानी चाहिए. 

    अब 3 घंटे की लिखित परीक्षा

    हालांकि सरकार ने स्पष्ट निर्देश दे दिये है कि परीक्षा ऑफलाइन पद्धति से ली जाएगी लेकिन किस पद्धति से ली जाएगी यह स्पष्ट नहीं किया है. जानकारों की मानें तो परीक्षा पुरानी पद्धति के अनुसार ही ली जा सकती है. यानी तीन घंटे की लिखित परीक्षा होगी बहु प्रश्न पद्धति नहीं होगी. 15 मिनट अतिरिक्त समय देने की वजह भी यही है. नियमित पद्धति के अनुसार विवि अपनी ग्रीष्म परीक्षाओं की तैयारियां मार्च में ही शुरू कर देता है. पेपर सेट करना, उसका माडरेशन करना, छपाई करना आदि कार्य होते हैं जो कई दिनों तक चलते हैं. जानकारों का कहना है कि कोरोना का प्रकोप कम हुये 4 महीने हो गये.

    बोर्ड की परीक्षा भी ऑफलाइन पद्धति से ली गई. इस हालत में उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री पहले ही घोषणा कर सकते थे. विश्वविद्यालयों को पर्याय के चयन के लिए अवसर नहीं दिया जाना था. अब ऐन वक्त पर ऑफलाइन परीक्षा के निर्णय ने सभी का टेंशन बढ़ा दिया है. छात्रों को पूरी तैयारी करना होगा, वहीं विवि को भी उत्तर पत्रिका की छपाई से लेकर प्रश्न पत्र तैयार करने का कार्य तेज गति से करना होगा.