फिर से साथ आएंगे शिंदे-ठाकरे गुट, पूर्व विधायक आशीष देशमुख की भविष्यवाणी

Loading

नागपुर. आने वाले समय में महाविकास आघाड़ी समाप्त हो जाएगी. साथ ही विधायकों के निलंबन से बचने के लिए ठाकरे गुट को शिंदे गुट के साथ जाना होगा और भविष्य में शिवसेना एकजुट होगी. यह भविष्यवाणी पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने की. भाजपा की राह पर चल रहे देशमुख ने यह भी दावा किया कि पूरी शिवसेना बाद में भाजपा के साथ जाएगी.

राज्य की 48 लोकसभा सीटों पर कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसकी सूची वायरल हो रही है. इससे साफ है कि भविष्य में महाविकास आघाड़ी की तस्वीर कैसी होगी. इससे राजनीतिक अंदाज लगाया जाए तो शिंदे और ठाकरे गुट एक साथ आ सकते हैं. इसके पीछे विधायकों का निलंबन मुख्य मुद्दा होगा. विधानसभा में 54 विधायकों की अयोग्यता का मामला लंबित है. इस निलंबन से बचने के लिए दोनों गुटों को साथ आना होगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

देशमुख पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के काफी करीब आ गए हैं. पिछली बार वे कोराडी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के घर गए और नाश्ता किया. इसी तरह कुछ दिन पहले उन्होंने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ खुद के घर पर नाश्ता किया. इससे लगता है कि देशमुख की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ गई हैं. सावनेर विधानसभा क्षेत्र से केदार के खिलाफ उन्हें फिर से मैदान में उतारना भाजपा के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इस पृष्ठभूमि पर देशमुख का भाजपा समर्थक रुख कोई नया आश्चर्य नहीं है. यह एक मजबूत राजनीतिक चर्चा है.

कांग्रेस का ‘करेक्ट कार्यक्रम’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले सहित कांग्रेस की नीतियों की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद आशीष देशमुख निशाने पर आ गए. पार्टी में रहते हुए उनकी यह आलोचना पार्टी को पीड़ा देने वाली थी, इसलिए पार्टी की क्षेत्रीय अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया. उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.

अनुशासन समिति के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 22 मई को एक पत्र जारी कर उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि खुलासा संतोषजनक नहीं था. यह पत्र मीडिया के सामने आया. इसमें कहा गया है कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा रहा है. चर्चा हो रही है कि कांग्रेस की आलोचना कर भाजपा के करीबी रहे देशमुख पर कांग्रेस ने ‘करेक्ट कार्यक्रम’ किया है.