Bribe, Maharashtra
महाराष्ट्र में रिश्वत

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नागपुर. एंटी करप्शन ब्यूरो ने विभागीय शिक्षा उपसंचालक कार्यालय में जाल बिछाकर लिपिक और टीचर को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद कर्मचारियों-अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. साथ ही अधिकारियों की संपत्ति की जांच की मांग भी जोर पकड़ने लगी है.

बुधवार को शिक्षा उप संचालक कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक सुनील महादेवराव ढोले और टीचर पवन ईश्वर झाड़े को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है कि विभाग में लेन-देन का खेल पिछले कई वर्षों से चल रहा है. विभागीय कार्यालय होने से 6 जिलों का कामकाज चलाया जाता है. स्कूलों को अनापत्ति प्रमाण पत्र, अप्रूवल, छात्र क्षमता बढ़ाने सहित विविध तरह के कार्य किये जाते हैं. कई शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत की वजह से फाइलों को लटकाकर रखा जाता है. बाद में फाइलें क्लीयर करने के नाम पर वसू्ली की जाती है. इसमें आला अधिकारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

11वीं प्रवेश के लिए बनाई जाने वाली केंद्रीय प्रवेश समिति में भी अनियमितता की चर्चा होती रही है. हर वर्ष आवेदन के माध्यम से ही समिति को लाखों रुपये मिलते हैं. समूचा कार्य समिति ही करती है. इसके लिए किसी एजेंसी को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाती. समिति के खर्च का भी वर्षों से ऑडिट नहीं किया गया है. समिति मनमर्जी से खर्च करती है. राज्य सरकार द्वारा जन लोकपाल बिल जारी होने के बाद अधिकारियों कि संपत्ति का ब्यौरा दिया जाना चाहिए लेकिन सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर भी टालमटोल किया जाता है. आरटीई एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मो. शाहिद शरीफ ने समूचे मामलों की जांच की मांग की है.

जूनियर कॉलेजों का निरीक्षण नहीं

पिछले वर्षों में जिले में अनेक अल्पसंख्यक स्कूलों को अप्रूवल दिया गया है. कुछ संस्थाओं ने सामान्य वर्ग में होने के बाद भी खुद को अल्पसंख्यक में शामिल किया है. नियमानुसार 11वीं व 12वीं की नियमित क्लासेस होनी चाहिए लेकिन साइंस और कॉमर्स के अधिकांश कॉलेजों ने ट्यूशन-कोचिंग से टाईअप कर रखा है. इस बारे में विभाग को सभी जानकारी है. इसके बावजूद वर्षभर में कभी जूनियर कॉलेजों में निरीक्षण नहीं किया जाता. न ही कभी किसी संस्था में जाकर जांच की जाती है. वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ तक सभी स्तर पर मौन साधा जाता है.

एक दिन की कस्टडी में भेजा

रिश्वत मामले में पकड़े गये वरिष्ठ लिपिक सुनील ढोले और टीचर पवन झाड़े को गुरुवार की दोपहर एसीबी के विशेष न्यायालय में पेश किया गया. एसीबी ने जांच के लिए कस्टडी की मांग की. अदालत ने दोनों को एक दिन की हिरासत में रखने के आदेश दिये. गुरुवार को पुलिस ने दोनों के घरों की तलाशी भी ली लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा.