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नागपुर. महिलाओं व बच्चों पर अत्याचार व उनकी तस्करी रोकने के लिए जनजागृति करने और एकजुटता से कार्य करने की जरूरत है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विविध उपक्रम व योजना चलाई जा रही है. लेकिन सभी को मिलकर समाज की इस विकृति पर नकेल कसने की जरूरत है. उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को यह प्रतिबद्धता जताई. वे राज्य महिला आयोग, विप्ला फाउंडेशन व एसीटी के संयुक्त तत्वावधान में वनामति में आयोजित ‘महिलाओं के लैंगिक शोषण के लिए होने वाली तस्करी को रोकने’ के संदर्भ में चर्चा सत्र व परिसंवाद में बोल रहे थे. 

फडणवीस ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सत्र को संबोधित किया. इस दौरान राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रुपाली चाकणकर, एनडीआरएफ के पूर्व महासंचालक पी.एम. नायर, पुलिस आयुक्त आयुक्त अमितेश कुमार, महिला आयोग सदस्य आभा पांडे, महिला व बाल विकास विभाग की उपायुक्त अपर्णा कोल्हे मंचासीन थे. 

बनाएंगे 50 शक्तिसदन

फडणवीस ने कहा कि मानव तस्करों से छुड़ाए गए महिलाओं व बच्चों की अवस्था विकट होती है. उनकी ओर समाज का नजरिया भी बदला हुआ होता है. ऐसे पीड़ितों को मानसिक सपोर्ट की जरूरत होती है. इनके पुर्नवसन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शक्ति सदन शुरू करने की संकल्पना रखी है. राज्य में 50 शक्ति सदन निर्माण का प्रावधान बजट में किया गया है. मुंबई व राज्य में आपरेशन मुस्कान के माध्यम से खोये हुए बच्चों के खोजकर उनके घर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. पुलिस थानों में भरोसा सेल के माध्यम से पीड़ित महिलाओं की मदद की जा रही है. 

महाराष्ट्र चौथे क्रमांक पर

महिला आयोग की अध्यक्ष चाकणकर ने कहा कि 2021 के सर्वेक्षण में दक्षिण एशिया में 1.50 लाख मानव तस्करी के मामले सामने आये थे. बांगलादेश, नेपाल, भूटान के बाद भारत का नंबर आता है. देश में मानव तस्करी में महाराष्ट्र का चौथा नंबर है, जो गंभीर स्थिति है. आयोग, पुलिस व सामाजिक संस्थाओं को एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है. पी.एम. नायर, सीपी अमितेश कुमार व आभा पांडे ने भी उपस्थितों का मार्गदर्शन किया.