Sontu Jain
ठग क्रिकेट बुकी अनंत उर्फ सोंटू जैन

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नागपुर. डायमंड एक्सचेंज नामक गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए व्यापारी को 58 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला ठग अनंत उर्फ सोंटू नवरतन जैन पुलिस की कस्टडी में तो आ गया है लेकिन अब भी उसने मौन धारण कर रखा है. बताया जाता है कि 14 घंटे पुलिस के लॉकअप में आराम करने के बाद मंगलवार की सुबह वह क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचा.

बताया जाता है कि वह पुलिस के सामने मुंह खोलने को तैयार नहीं है. वह अब भी प्रकरण से संबंधित सभी सवाल पर कोई भी जानकारी होने से इनकार कर रहा है. 20 जुलाई को पुलिस ने सोंटू के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर उसके घर पर छापेमारी की थी. घर और बैंक लॉकर सहित 32 करोड़ का माल जब्त किया गया.

हाई कोर्ट ने उसे अंतरिम जमानत प्रदान कर हर दूसरे दिन पुलिस के समक्ष हाजिर होने के आदेश दिए थे. तब भी सोंटू पुलिस के पास हाजरी तो लगा रहा था लेकिन कोई जानकारी नहीं दी. 26 सितंबर को हाई कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया और सोंटू फरार हो गया. फरार रहते हुए उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आखिर वहां से भी मायूसी हाथ लगी.

लगभग 3 महीने बाद वह सलाखों के पीछे पहुंच ही गया. बताया जाता है कि सोमवार की रात क्राइम ब्रांच ने उसे सदर पुलिस थाने के लॉकअप में रखा. 11 बजे तक आराम करने के बाद उसे वापस क्राइम ब्रांच कार्यालय ले जाया गया. वहां आराम से फ्रेश होने के बाद जांच शुरू हुई लेकिन सोंटू टस से मस नहीं हुआ. सोंटू पुलिस कस्टडी को भी हलके में ले रहा है. न्यायालय से कस्टडी के दौरान गीता और रामायण उपलब्ध करवाने की मांग की. फिलहाल पुलिस को केवल 5 दिन की हिरासत मिली है.

जानकारों का मानना है कि सोंटू केवल समय निकाल रहा है. वह जानता था कि आत्मसमर्पण करने के बाद उसे पुलिस हिरासत में लिया जाएगा. इसीलिए किस सवाल का जवाब उसे देना है और कितना बोलना है इसकी तैयारी करके आया है. सोंटू से सच उगलवाने पर कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है. स्थानीय नागरिकों से ठगी कर काली कमाई विदेश कैसे जाती है इसका पता लगाया जा सकता है. उसके पार्टनर और डायमंड एक्सचेंज के संचालक राकेश राजदेव (आरआर) के डी कंपनी के साथ संबंध होने की खबरे पहले भी आ चुकी है.