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स्कॉलरशिप (कांसेप्ट फोटो)

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नागपुर: महाडीबीटी (MahaDBT) की वेबसाइट में शिष्यवृत्ति (Scholarship) का ऑनलाइन फॉर्म भरते समय सैकड़ों विद्यार्थियों से गलती से ‘गिव अप’ का पर्याय दब गया। लेकिन गलती का पता चलते ही विद्यार्थियों द्वारा समाज कल्याण विभाग व जिलाधिकारी कार्यालय से फॉर्म भरने का दूसरा मौका देने का निवेदन किया जा रहा था।  सुनवाई नहीं होने पर राकां अजीत पवार गुट के शहर अध्यक्ष प्रशांत पवार की उपस्थिति में राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राहुल कामले के नेतृत्व में शिष्टमंडल जिलाधिकारी इटनकर से मिला।  

उन्हें जानकारी दी गई कि गलती से गिव अप का पर्याय चुनने वाले नागपुर या विदर्भ ही नहीं बल्कि राज्यभर के करीब 8,000 विद्यार्थी हैं।  अगर उन्हें उनकी गलती सुधारने का अवसर नहीं दिया गया तो स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी और उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ेगा।  दरअसल महाडीबीटी के शैक्षणिक शिष्यवृत्ति वेबसाइट पर गिव अप का नया ऑप्शन दिया गया जिसे गलती से विद्यार्थियों ने चुन लिया।  ऐसे विद्यार्थियों को दोबारा सुधार कर फॉर्म भरने का समय देने की मांग की गई।  

निवेदन पर जिलाधिकारी ने तत्काल समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को फोन कर पूरी जानकारी ली और आने वाले 2-3 दिनों में इस संदर्भ में सारी प्रक्रिया पूर्ण कर विद्यार्थियों को 10 दिनों का दोबारा नया फॉर्म भरने का समय देने का निर्देश दिया।  राविकां की ओर से डीसीएम अजीत पवार व समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त को भी निवेदन दिया गया है। 

इस दौरान नागेश देडमुठे, तुषार ढबाले, रजत अतकरे, सैयद सुफियान, अविनाश पार्डीकर, अश्विन नंदेश्वर, सुशील पिल्लेवान, हर्षवर्धन बांबले, मोहित गौपले, वैष्णवी बंडे, समीक्षा वाघाडे, निधि कांबले, आयुष्य उमरेडकर सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।