फुटाला में स्टंटबाजी करना युवकों को पड़ा भारी, जब्त हुए वाहन, दर्जनभर धाराओं के तहत मामला दर्ज

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नागपुर. फुटाला तालाब परिसर में स्टंटबाजी करना युवकों को भारी पड़ गया. रविवार की सुबह वैसे भी फुटाला तालाब परिसर में लोगों की भीड़ रहती हैं लेकिन बीते रविवार को सैकड़ों की तादाद में लोग जमा हुए थे. इस बीच हुड़दंगी युवकों ने कार की रेस लगाई. कार पर स्टंटबाजी करने लगे. पब्लिक के बीच जानलेवा तरीके से गाड़ी चलाते हुए कोहराम मचाया. खबर मिलते ही गिट्टीखदान पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस को देखते ही उत्पाती युवक भाग निकले लेकिन पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबरों के जरिए तीनों वाहनों का पता लगाया. युवकों के घर पहुंचकर वाहन जब्त किए गए.

मोटर व्हीकल एक्ट सहित दर्जनभर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. सुबह 9.30 बजे के दौरान एक नागरिक ने कंट्रोल रूम को फोन कर जानकारी दी कि फुटाला में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए. कोई अप्रिय घटना न हो इसीलिए गिट्टीखदान थाने के पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे. इसी दौरान काले रंग की कार क्र. एमएच-31/बीजेड-999 और सफेद रंग की कार क्र. एमएच-40/ एआर-5787 के चालक आपस में रेस लगाते हुए पब्लिक के बीच रैश ड्राइविंग करते हुए दाखिल हुए. बीच सड़क पर कार रोक दी. जोर-जोर से हॉर्न बजाते हुए दोबारा स्पीड में कार निकाली. लोगों की जान की परवाह किए बगैर लापरवाही से यू-टर्न लिया.

पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन कार में सवार युवक फरार हो गए. इस बीच एमएच-31/एफएम-6464 नंबर की बुलेट पर सवार युवक ने भी अपनी बाइक पर स्टंटबाजी की और फरार हो गया. पुलिस वाहन के नंबरों के जरिए दोनों कार चालकों के घर पर पहुंची. काले रंग की कार नाबालिग चला रहा था. सफेद रंग की कार बाबा बुद्धाजीनगर निवासी अरविंदसिंह भंडारी की थी. उन्होंने बताया कि बेटा युवराज (23) अपने दोस्तों के साथ कार लेकर गया था.

बाइक वाड़ी निवासी किशोर नरवाड़े की थी. उन्होंने लाइसेन्स नहीं होने के बावजूद अभय शैलेष गोलाइत (19) को अपना वाहन दिया था. इंस्पेक्टर बापू ढेरे ने तीनों वाहन जब्त कर लिए. माता-पिता और वाहन के मालिकों को थाने बुलाया. वहीं ट्रैफिक विभाग के इंस्पेक्टर विनोद चौधरी ने मोटर वाहन कानून की विविध धाराओं के तहत कार्रवाई की है. सभी के माता-पिता को पुलिस ने चेतावनी दी और युवकों को छोड़ दिया लेकिन उनके वाहन पुलिस ने जब्त कर रखे हैं. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही वाहन छोड़े जाएंगे.