नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय में फोन कर जान से मारने और बम से उड़ाने की धमकी देकर 100 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले लष्कर-ए-तैयबा के आतंकी जयेश कांथा उर्फ जयेश पुजारी उर्फ शाकिर को आखिर कर्नाटक की बेलगावी जेल में दाखिल करवाया गया. कांथा लगातार बेलगावी जेल में स्थानांतरण का प्रयास कर रहा था. उसने कई बार कोर्ट से उसे बेलगावी जेल में वापस शिफ्ट करने की अपील की. कुछ दिन पहले कोर्ट ने उसे बेलगावी जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिए.
बुधवार को क्यूआरटी के कमांडो सहित तगड़ी सुरक्षा के बीच कांथा को विमान से कर्नाटक ले जाकर बेलगावी जेल में दाखिल करवाया गया. ज्ञात हो कि लश्कर से जुड़े जयेश कांथा उर्फ शाकिर ने 14 जनवरी और उसके बाद 21 मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में फोन कर उन्हें बम से उड़ाने की धमकी देकर फिरौती मांगी थी. पहले उसने 10 और बाद में 100 करोड़ रुपये मांगे थे. इस मामले में 28 मार्च को कांथा की गिरफ्तारी हुई थी और जांच में कई सनसनीखेज खुलासे हुए. कांथा बेलगावी जेल में लष्कर के आतंकी अफसर पाशा के संपर्क में आया. अफसर ने कांथा का ब्रेन वॉश किया. उसे मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद उसे भी अपनी आतंकी गतिविधियों में शामिल कर लिया.
जांच में पता चला है कि पाशा ने ही कांथा को गडकरी के कार्यालय में फोन करने के लिए कहा था. उसी के कहने पर कांथा ने फोन लगाया. अफसर प्रतिबंधित पॉप्युलर फ्रंड ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय सचिव था. वहीं से वह सीमा पार बैठे लश्कर के बड़े आतंकियों के संपर्क में आया. उसे नये लड़कों का ब्रेन वॉश कर बम धमाकों को अंजाम देने की मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गई. वर्ष 2006 से पाशा जेल में है. जेल में आने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का ब्रेन वॉश किया. उन्हीं में से एक कांथा भी है.
कांथा ने बेलगावी जेल में अपना जबरदस्त नेटवर्क बनाया था. जेल में उसे एंड्राइड फोन सहित विभिन्न सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही थी. यही कारण था कि वह नागपुर सेंट्रल जेल में परेशान था. वह लगातार बेलगावी जेल में जाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा था. आखिर कोर्ट ने अन्य मामलों की सुनवाई के दृष्टिकोण से स्थानांतरित करने के आदेश दिए.