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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. राज्य में गैर कृषि विश्वविद्यालयों और अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों-अधिकारियों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही. शासकीय अवकाश होने से विवि के सभी विभाग बंद थे. इसके बावजूद भी कर्मचारी धरना स्थल पर दिनभर डटे रहे. इस बीच सरकार की ओर से अब तक किसी भी तरह की चर्चा के लिए नहीं बुलाये जाने से कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की. उम्मीद की जा रही है कि हड़ताल अगले सप्ताह तक जारी रहेगी. 

    सातवां वेतन आयोग लागू करने और आश्वासित प्रगति योजना सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को उपकुलपति, कुलसचिव ने भी अपना समर्थन दिया है. आंदोलनकारियों का आरोप है कि सरकार मांगों पर ध्यान देने की बजाय जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज कर रही है. अत्यावश्यक सेवा में शामिल नहीं होने के कारण ही सरकार द्वारा देरी की जा रही है.

    उधर विधायक अभिजित वंजारी व ओबीसी आयोग के पूर्व सदस्य बबनराव तायवाडे ने स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की. विधान परिषद में इस मुद्दे को उपस्थित करने का भी आश्वासन दिया. वहीं राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने भी सकारात्मक रुख अपनाते हुए सभागृह में मुद्दा रखने की बात कही. 

    कॉलेजों में प्रशासकीय काम अटके 

    आंदोलन की वजह से अनुदानित कॉलेजों में छात्रों की परेशानी बढ़ने लगी है. अनेक कर्मचारी काम पर नहीं होने से छात्रों की फीस भरने सहित विविध प्रशासकीय कार्य अटक गये हैं. प्राध्यापकों को भी परेशानी हो रही है. विवि के साथ पत्र व्यवहार भी लगभग बंद हो गया है. राज्य सरकार सहित विविध एजेंसियों द्वारा प्राप्त होने वाले पत्र और अधिसूचना भी समय पर नहीं मिल रही है.

    शनिवार को कर्मचारियों ने विवि के कैम्पस में दिनभर धरना दिया. सुबह से लेकर रात तक कर्मचारी-अधिकारी डटे रहे. इसमें प्रवीण गोतमारे, सलीम शाह, प्रशांत वैद्य, सतीश पुसादकर, मारोती बोरकर, नितिन पालकर, अश्विनी काले, राजू कुलमेठी, चंद्रशेखर शेलके, याकूब शेख, राजेंद्र धर्मारी, जगदीश रमधम, रमेश मेहर, श्रावण गाढेकर आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.